तेजस्वी यादव का भाजपा पर निशाना
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि दिल्ली का चुनाव खत्म होने के बाद हमने पहले ही बता दिया था कि अब बीजेपी की सभी टीमें—चाहे वह ए से जेड तक हों या उनकी आईटी सेल—सिर्फ बिहार पर ध्यान देंगी। लेकिन इससे हमें कोई खास फर्क नहीं पड़ता। कोई आए या जाए, हमें कोई परेशानी नहीं है। कानूनी व्यवस्था मौजूद है और हम उसका सम्मान करते हैं। अगर कोई बुलाता है, तो हम जाते हैं, लेकिन इससे कुछ बदलने वाला तो है नहीं।
हमे फर्क नहीं पड़ने वाला
तेजस्वी यादव ने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या राजनीति में न होने की सूरत में उनके खिलाफ एक भी केस दर्ज होता? उनका कहना था कि कोई मुकदमा नहीं होता। ये सारे मामले राजनीतिक साजिश के तहत दर्ज किए जा रहे हैं, लेकिन इससे उन्हें कोई असर नहीं पड़ता। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि शायद आप लोग भी भूल गए होंगे कि मुझे, लालू जी को, या मेरी मां को ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स ने कितनी बार बुलाया होगा। किसी को इसका हिसाब भी याद है क्या? फिर भी, जब बुलावा आएगा, हम जाएंगे, क्योंकि हम कानून का सम्मान करते हैं।
क्या है आरोप?
जमीन के बदले नौकरी घोटाला पश्चिम-मध्य रेलवे के जबलपुर जोन में साल 2004 से 2009 के बीच ग्रुप-डी पदों पर हुई नियुक्तियों से जुड़ा है। आरोप है कि लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान उम्मीदवारों से उनके परिवार या सहयोगियों के नाम पर जमीन हस्तांतरित करवाई गई थी और इसके बदले में उन्हें रेलवे में नौकरियां दी गईं।
कौन-कौन शामिल?
इस मामले में ED ने RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी उनके दोनों बेटे तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव शामिल हैं। यह मामला कथित ज़मीन के बदले नौकरी घोटाले से जुड़ा हुआ है, जिसमें उन सब पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं।