scriptCash recovered : हाईकोर्ट जज के घर से भारी मात्रा में नकदी बरामद, Supreme Court कॉलेजियम ने लिया ये फैसला | Huge amount of cash recovered from the house of Delhi High Court Judge Yashwant Verma, Supreme Court Collegium transferred him to Allahabad High Court. | Patrika News
राष्ट्रीय

Cash recovered : हाईकोर्ट जज के घर से भारी मात्रा में नकदी बरामद, Supreme Court कॉलेजियम ने लिया ये फैसला

Delhi High Court Judicial Scandal: दिल्ली हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा के घर में आग लगने पर भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई, जिससे हड़कंप मच गया। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने तुरंत उनका तबादला इलाहाबाद हाई कोर्ट कर दिया।

भारतMar 21, 2025 / 05:56 pm

Devika Chatraj

Supreme Court: दिल्ली हाईकोर्ट के एक जज के सरकारी बंगले में लगी आग ने न केवल न्यायिक हलकों में हड़कंप मचा दिया, बल्कि एक चौंकाने वाला खुलासा भी सामने लाया। आग बुझाने के बाद घर से भारी मात्रा में नकदी की बरामदगी ने सबको हैरान कर दिया, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को त्वरित कार्रवाई के लिए मजबूर होना पड़ा। इस घटना ने न्यायपालिका की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आइए, इस मामले की गहराई में जाएं और जानें कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने इसके जवाब में क्या कदम उठाया।

ट्रांसफर का लिया फैसला

इस खुलासे के बाद जज यशवंत वर्मा का तबादला कर दिया गया है। फिर भी, कुछ जज उनके इस्तीफे की मांग उठा रहे हैं। जजों का मानना है कि यदि न्यायमूर्ति वर्मा इस्तीफा देने से इनकार करते हैं, तो चीफ जस्टिस को 1999 की प्रक्रिया के तहत उनके खिलाफ जांच शुरू करनी चाहिए, जिसमें किसी भी जज के खिलाफ शिकायत मिलने पर जांच का प्रावधान है।

आग के समय घर मौजूद नहीं थे जज

बताया जा रहा है कि जिस समय जस्टिस यशवंत वर्मा के घर पर आग लगी, उस समय वह शहर में नहीं थे। उनके परिवार वालों ने दमकल और पुलिस को बुलाया। आग बुझाने के बाद अधिकारियों को एक कमरे में भारी मात्रा में नकदी मिली।

इलाहबाद हाईकोर्ट से हुआ था ट्रांसफर

बड़ी मात्रा में नकदी बरामद होने के बाद पुलिसकर्मियों ने तत्काल इसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दी। CJI ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कॉलेजियम की बैठक बुलाई। कॉलेजियम ने जस्टिस वर्मा के तत्काल तबादले का निर्णय लिया और उन्हें उनके मूल इलाहाबाद हाई कोर्ट वापस भेज दिया गया। बता दें कि जस्टिस वर्मा अक्टूबर 2021 में इलाहाबाद हाई कोर्ट से दिल्ली हाई कोर्ट में स्थानांतरित हुए थे।

इन-हाउस जांच की मांग

कुछ जजों की राय है कि केवल तबादले से न्यायपालिका की साख को नुकसान पहुंचेगा। उनका कहना है कि जस्टिस वर्मा को इस्तीफा देना चाहिए। यदि वे ऐसा करने से मना करते हैं, तो उनके खिलाफ इन-हाउस जांच शुरू करनी चाहिए। ऐसा न होने पर जनता का न्याय व्यवस्था से भरोसा टूट सकता है। दरअसल कई जज इस मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा 1999 में स्थापित इन-हाउस प्रक्रिया के अनुसार कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। यह प्रक्रिया संवैधानिक न्यायालय के जजों पर भ्रष्टाचार, गलत आचरण या अनुचित व्यवहार के आरोपों से निपटने के लिए बनाई गई है। इसके तहत, CJI को शिकायत मिलने पर संबंधित जज से जवाब मांगा जाता है।

Hindi News / National News / Cash recovered : हाईकोर्ट जज के घर से भारी मात्रा में नकदी बरामद, Supreme Court कॉलेजियम ने लिया ये फैसला

ट्रेंडिंग वीडियो