scriptमुंबई-अहमदाबाद Bullet Train को लेकर रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में दिया बड़ा अपडेट, जानिए कब से पटरी पर दौड़ेगी रेल | Railway Minister Ashwini Vaishnav gave a big update regarding Mumbai-Ahmedabad Bullet Train in Parliament, know when the train will run on the tracks | Patrika News
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मुंबई-अहमदाबाद Bullet Train को लेकर रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में दिया बड़ा अपडेट, जानिए कब से पटरी पर दौड़ेगी रेल

रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में बुधवार को Bullet Train New Update: मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल के बारे नया अपडेट दिया। उन्होंने यह बताया कि मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना का काम कहां तक पहुंचा और बुलेट ट्रेन कब से पटरी पर दौड़ने लगेगी।

भारतJul 23, 2025 / 04:07 pm

स्वतंत्र मिश्र

Railway minister Ashwini Vaishnaw update on MAHSR

Railway Minister Ashwini Vaishnaw (Photo: IANS)

Bullet Train will run by 2029: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को संसद में बताया कि वापी और साबरमती के बीच मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (MAHSR) परियोजना का गुजरात हिस्सा दिसंबर 2027 तक पूरा करने की योजना है, जबकि पूरी 508 किलोमीटर परियोजना दिसंबर 2029 तक पूरी होने की उम्मीद है।

जापान सरकार कर रही तकनीकी और वित्तीय मदद

MAHSR का निर्माण जापानी सरकार की तकनीकी और वित्तीय सहायता से चल रहा है। अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह परियोजना गुजरात, महाराष्ट्र और केंद्र शासित प्रदेश दादरा एवं नगर हवेली से होकर गुज़रेगी और इसके अंतर्गत मुंबई, ठाणे, विरार, बोईसर, वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आणंद, अहमदाबाद और साबरमती में 12 स्टेशन बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि 30 जून 2025 तक इस परियोजना पर 78,839 करोड़ रुपये का संचयी वित्तीय व्यय किया जा चुका है।

लागत बजट का 81 फीसदी जापान सरकार दे रही है

MAHSR परियोजना की कुल अनुमानित लागत लगभग 1,08,000 करोड़ रुपये है, जिसमें से जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जेआईसीए) परियोजना लागत का 81 प्रतिशत यानी 88 हजार करोड़ रुपये का वित्तपोषण कर रही है। शेष 19 प्रतिशत यानी 20,000 करोड़ रुपये में से रेल मंत्रालय (50 प्रतिशत) और महाराष्ट्र और गुजरात राज्य सरकारों (25-25 प्रतिशत) के इक्विटी योगदान के माध्यम से वित्तपोषित की जाएगी।

महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण में हुई देरी

महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण में देरी के कारण परियोजना 2021 तक प्रभावित रही। हालाँकि, वर्तमान में एमएएचएसआर परियोजना के लिए पूरी भूमि (1389.5 हेक्टेयर) अधिग्रहित कर ली गई है। अंतिम स्थान सर्वेक्षण और भू-तकनीकी जांच भी पूरी हो चुकी है और संरेखण को अंतिम रूप दिया जा चुका है। रेल मंत्री वैष्णव ने कहा कि वन्यजीव, तटीय विनियमन क्षेत्र (सीआरजेड) और वन संबंधी सभी वैधानिक मंज़ूरियां प्राप्त कर ली गई हैं और परियोजना के सभी सिविल अनुबंध प्रदान कर दिए गए हैं।

कहां कितना काम हो चुका है पूरा, रेल मंत्री ने बताया

अब तक 392 किलोमीटर पियर निर्माण, 329 किलोमीटर गर्डर कास्टिंग और 308 किलोमीटर गर्डर लॉन्चिंग का काम पूरा हो चुका है। समुद्र के नीचे सुरंग (लगभग 21 किलोमीटर) का काम भी शुरू हो गया है। उन्होंने बताया कि भारत में हाई-स्पीड रेल (एचएसआर) नेटवर्क का विस्तार एमएएचएसआर कॉरिडोर से आगे बढ़ाने और वाणिज्यिक एवं पर्यटन महत्व के प्रमुख शहरों के बीच बढ़ती यात्री मांग को पूरा करने के लिए, राष्ट्रीय हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) द्वारा विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही हैं।

‘किराया तय करने में आर्थिक स्थितियों का रखेंगे ख्याल’

एचएसआर परियोजनाएँ अत्यधिक पूंजी प्रधान होती हैं और किसी भी नई परियोजना को शुरू करने का निर्णय तकनीकी व्यवहार्यता, वित्तीय एवं आर्थिक व्यवहार्यता, यातायात की माँग और धन एवं वित्तपोषण विकल्पों की उपलब्धता जैसे कई कारकों पर आधारित होता है। मंत्री ने आगे कहा कि एमएएचएसआर परियोजना के वाणिज्यिक संचालन में सेवाओं के लिए एक किफायती किराया संरचना शामिल है जिसमें एचएसआर क्षेत्रों के अधिकतम संरक्षण के लिए ग्राहकों की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों को ध्यान में रखा गया है।
रेल मंत्री ने कहा कि बुलेट ट्रेन परियोजना के पूरा होने का सटीक समय-सीमा का पता तभी लगाया जा सकता है जब सिविल संरचनाओं, ट्रैक, विद्युत, सिग्नलिंग और दूरसंचार और ट्रेनसेट की आपूर्ति से संबंधित सभी कार्य पूरे हो जाएं। यह परियोजना बहुत जटिल और बहुत ज्यादा प्रौद्योगिकी पर निर्भर है।
स्रोत-IANS

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