दुरुपयोग की आशंका थी, वही हुआ
शरद पवार ने कहा, “जब चिदंबरम ने पीएमएलए में संशोधन लाया, मैं केंद्रीय मंत्रिमंडल में था। मैंने उसका विरोध किया। मैंने प्रधानमंत्री से कहा कि इसका दुरुपयोग होगा, लेकिन मेरी बात को नहीं माना गया। चिदंबरम खुद भी बाद में इसी कानून का शिकार बने।” उन्होंने यह भी कहा कि यह कानून विपक्ष के खिलाफ हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है।
संजय राउत की किताब के विमोचन पर बयान
पवार शिवसेना (उद्धव गुट) के राज्यसभा सांसद संजय राउत की किताब ‘नरकातलं स्वर्ग’ के विमोचन समारोह में बोल रहे थे। यह किताब आर्थर रोड जेल में बिताए गए उनके तीन महीनों के अनुभवों पर आधारित है। राउत को ईडी ने पात्रा चॉल पुनर्विकास परियोजना में कथित वित्तीय अनियमितताओं के लिए गिरफ्तार किया था। बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया।
सत्ता परिवर्तन के बाद कानून बदला जाना चाहिए
पवार ने मांग की कि यदि भविष्य में सत्ता परिवर्तन होता है, तो सबसे पहले ईडी द्वारा लागू किए जा रहे इस कानून में संशोधन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “यह कानून व्यक्ति और राजनीतिक दलों के मौलिक अधिकारों के खिलाफ है।”