‘NFSA ने कमजोर परिवारों की रक्षा करने में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका’
राज्यसभा में बोलते हुए सोनिया गांधी ने जनगणना आयोजित करने में चार साल की देरी होने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस साल भी जनगणना आयोजित होने की संभावना नहीं है। CPP अध्यक्ष ने कहा, ‘सितंबर 2013 में यूपीए सरकार की ओर से पेश किया गया राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) देश की 140 करोड़ आबादी को खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक पहल थी। इस कानून ने लाखों कमजोर परिवारों की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, खासकर कोविड 19 संकट के दौरान। यह अधिनियम है प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के लिए आधार प्रदान करता है।’इस साल भी नहीं हो पाएगी जनगणना- सोनिया गांधी
सोनिया गांधी ने कहा कि NFSA के तहत ग्रामीण आबादी का 75 प्रतिशत और शहरी आबादी का 50 प्रतिशत हिस्सा सब्सिडी वाले खाद्यान्न का हकदार है। लेकिन लाभार्थी कोटा अभी भी पुरानी 2011 की जनगणना के आधार पर निर्धारित किया जाता है। सोनिया गांधी ने कहा, “स्वतंत्र इतिहास में पहली बार दशकीय जनगणना में चार साल से अधिक की देरी हुई है। मूल रूप से 2021 के लिए निर्धारित, अभी भी इस बात पर कोई स्पष्टता नहीं है कि जनगणना कब आयोजित की जाएगी। बजट आवंटन से पता चलता है कि इस साल भी अद्यतन जनगणना आयोजित होने की संभावना नहीं है। इस प्रकार लगभग 14 करोड़ पात्र भारतीय NFSA के तहत अपने उचित लाभ से वंचित हो रहे हैं।’