आतंकियों ने हवा में चलाई गोलियां
चश्मदीद ने बताया कि हमले के तुरंत बाद आतंकियों का सामना हुआ। उसने देखा कि तीन आतंकियों ने बैसरन घाटी में नरसंहार के बाद खुशी में हवा में चार राउंड गोलियां चलाईं। जांच एजेंसियों ने इस चश्मदीद को स्टार प्रोटेक्टेड विटनेस घोषित किया है। दरअसल, जम्मू कश्मीर पुलिस और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की मदद से एनआईए को यह गवाह मिला है।
मौके से जब्त किए कारतूस
चश्मदीद के बयान के आधार पर जांच दल ने मौके से चार इस्तेमाल किए हुए कारतूस ज़ब्त किए। बताया जा रहा है कि उस व्यक्ति ने जांचकर्ताओं को यह भी बताया कि उसने परवेज़ और बशीर को कथित तौर पर एक पहाड़ी के पास खड़े होकर हमलावरों के सामान की रखवाली करते देखा था, जिसे बंदूकधारियों ने अंततः उनसे छीन लिया।
दो स्थानीय लोगों को किया गिरफ्तार
एनआईए ने पिछले महीने आतंकियों को कथित तौर पर पनाह देने के आरोप में दो स्थानीय लोगों को गिरफ्तार किया था। NIA के प्रवक्ता के मुताबिक उन्होंने तीन सशस्त्र आतंकवादियों की पहचान का खुलासा किया और पुष्टि की कि वे लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े पाकिस्तानी नागरिक थे।
हमले के दौरान घाटी में थे मौजूद
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, एनआईए द्वारा आतंकवादियों को रसद सहायता प्रदान करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए दो स्थानीय लोग हमले के दौरान घाटी में मौजूद थे। कथित तौर पर ये लोग घटनास्थल पर तीन आतंकवादियों के सामान का प्रबंधन कर रहे थे।
TRF ने ली थी हमले की जिम्मेदारी
बता दें कि इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा की एक विंग, द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली थी। जांच में पता चला कि हमले में शामिल एक आतंकी, सुलेमान, लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर है, जो जम्मू-कश्मीर में अन्य आतंकी घटनाओं में भी वांछित है। आतंकियों ने सेना की वर्दी में बैसरन घाटी में प्रवेश किया और एके-47 और एम4 कार्बाइन जैसे घातक हथियारों से लैस थे।
भारत ने पाकिस्तान पर उठाए थे बड़े कदम
इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए, जिसमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना और अटारी-वाघा सीमा को बंद करना शामिल है।