राज्यसभा में शुक्रवार को गृह विभाग पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए अमित शाह ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर भी तंज कसते हुए कहा- किसी सदस्य ने ठीक कहा था कि पैदल यात्रा निकाली, कश्मीर तक गए, अपने कार्यकर्ताओं के साथ बर्फ की होली खेली और कहा कि दूर से आतंकवादी दिखाई पड़ा था। अरे भाई, जिनकी नजर में आतंकवादी है, तो आपको सपने में भी आएगा और आपको कश्मीर में भी दिखाई पड़ेगा। हम तो आतंकवादी देखते ही सीधा दो आंखों के बीच में गोली मारते हैं। हमारी सरकार न आतंकवाद को सह सकती है और न ही आतंकवादियों को। शाह ने कहा कि कुछ लोग हिसाब मांगते हैं कि क्या हुआ 370 हटाने का परिणाम। साहब, हिसाब तो उनको दिया जाता है, नजारा तो उनको दिखाया जाता है, जिनकी नजरें साफ हों। जो काला चश्मा पहन कर, आंखें मूंद कर बैठे हैं, उनको विकास नहीं दिखा सकते हैं। 10 साल पहले जनाजों का जुलूस निकाला जाता था। हमारे समय में भी आतंकवादी मारे गए, ज्यादा मारे गए, लेकिन किसी के जनाने का जुलूस नहीं निकाला गया। जो आतंकवादी जहां मारा जाता है, वहीं दफना दिया जाता है।
मणिपुर में शांति
गृहमंत्री ने कहा कि मणिपुर में अब शांति है। दोनों समुदायों के बीच हमने बातचीत की शुरुआत की है और मैं आशा रखता हूं कि बातचीत के माध्यम से ही दोनों समुदायों के बीच की दूरी को हम पाटने में सफल होंगे।
भाषा विवाद पर बोले शाह
गृहमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि दिसंबर के बाद से मैं सभी राज्यों के नागरिकों, मुख्यमंत्रियों और सांसदों से उन्हीं की भाषा में पत्राचार करूंगा। अपने भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए जो लोग भाषा के नाम पर अपनी दुकान चलाते हैं, उनको ये मजबूत जवाब है। भारत की एक एक भाषा देश की संस्कृति का गहना है। उन्होंने डीएमके का नाम लिए बगैर निशाना साधते हुए कहा- ये क्या कहते हैं कि हम दक्षिण की भाषाओं के विरोधी हैं, कैसे हो सकते हैं। हमने भाषाओं के लिए काम किया है। मैं इस मंच से कहना चाहता हूं तमिलनाडु सरकार से, आपमें हिम्मत नहीं है, मेडिकल और इंजीनियरिंग की शिक्षा को तमिल में अनुवादित करने की क्योंकि आपके आर्थिक हित जुड़े हुए हैं। लेकिन हमारी सरकार आएगी, तो हम मेडिकल और इंजीनियरिंग का कोर्स तमिल में करवाएंगे।
आप नहीं पकड़ते थे, हमने ड्रग पकड़ना शुरू किया
गृहमंत्री ने कहा कि ये (विपक्षी) बार-बार कहते हैं कि गुजरात से ड्रग क्यों पकड़ा जाता है… मैं तो चाहता हूं हर राज्य पकड़े। ये तो अंतरराष्ट्रीय सीमा से पकड़ा जा रहा है, क्योंकि हमारी सरकार का तो नियम है, न एक किलो ड्रग भारत आने देंगे और न ही बाहर जाने देंगे। 2004 से 2014 के दौरान 25 लाख किग्रा. ड्रग्स जब्त की गई, जबकि 2014 से 24 के दौरान एक करोड़ किग्रा. ड्रग्स जब्त की गई। कुछ लोगों ने कहा कि आपके समय में ड्रग्स बढ़ गई है। अरे, बढ़ नहीं गई है पहले से बढ़ी हुई थी, हमने पकड़ना शुरू किया, जो आप नहीं पकड़ते थे। ड्रग्स को रोका भी हमने है और समाप्त भी हमी कर देंगे। क्या नजरिया है, खून की संख्या घटाने के लिए खूनी को न पकड़ो…। शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद और उत्तर पूर्व का उग्रवाद- ये तीन नासूर थे।इन समस्याओं के कारण चार दशक में देश के करीब 92 हजार नागरिक मारे गए थे। मोदी के आने के बाद इन समस्याओं के समाधान का सुनियोजित प्रयास हुआ।