पुलिस को कोर्ट में लगाई चार्जशीट
पीड़ित पति ने पुलिस को दी जानकारी में बताया कि घटना वाले दिन वह अपने कमरे में था। इसी बीच पत्नी पीछे से खौलता हुआ पानी लेकर आई और उसके ऊपर फेंक दिया। इस पानी में लाल मिर्च पाउडर मिला हुआ था। अचानक हुए इस हमले में वह बुरी तरह झुलसकर गिर गया। इसके बाद पत्नी उसका मोबाइल फोन लेकर कमरे से बाहर चली गई। ताकि वह किसी से मदद न ले सके। साथ ही घटना की जानकारी भी किसी को न हो। साथ ही कमरा बाहर से बंद भी कर दिया। इस दौरान उसने किसी तरह खिड़की का कांच तोड़ा और निकलकर बालकनी में आया।
बालकनी में आकर पति ने मांगी मदद
पुलिस की चार्जशीट के अनुसार, पीड़ित पति ने बालकनी में आकर मदद के लिए शोर मचाया। इसके बाद उसके मकान मालिक विकास ने उसे अस्पताल पहुंचाया। जहां उसका इलाज किया गया। इस मामले की सुनवाई दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में चल रही थी। नौ जुलाई को तीस हजारी कोर्ट के एडिशनल सेशंस जज (ASJ) सौरभ कुलश्रेष्ठ ने पीड़ित को मामूली चोटें आने पर विचार करते हुए आरोपी पत्नी ज्योति उर्फ किट्टू को जमानत दे दी।
पति के वकील ने पत्नी की जमानत का किया विरोध
कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान पीड़ित पति के वकील ने आरोपी पत्नी की जमानत का कड़ा विरोध किया। वकील ने तर्क दिया कि महिला को जमानत मिलने के बाद वह पीड़ित और गवाहों धमका सकती है। इसपर कोर्ट ने कहा, “जहां तक पीड़ित और गवाहों को धमकियों का सवाल है, उचित शर्तें लगाकर इसका समाधान किया जा सकता है।” इसके बाद कोर्ट ने अपने आदेश कहा, “तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए आरोपी ज्योति उर्फ किट्टू को 30,000 रुपये का बेल बॉन्ड बांड और इतनी ही रकम का एक जमानती के आधार पर नियमित जमानत पर स्वीकार करने का आदेश दिया जाता है।”
महिला के वकील ने दिए ये तर्क
दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान आरोपी पत्नी के वकील ने कहा कि महिला को झूठा फंसाया गया है। वह खुद पति के हाथों घरेलू हिंसा का शिकार हुई है। पति के खिलाफ पत्नी ने घटना से पूर्व 19 नवंबर, 2024 को पुलिस में घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज कराई थी। पत्नी के वकील के इस तर्क का पीड़ित पति के वकील ने विरोध किया। पति के वकील ने कहा कि घटना से ठीक पहले पति ने आरोपी पत्नी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें यह बताया गया था कि उसकी पत्नी पहले शादीशुदा थी।
शादी से पहले अंधेरे में रखने का आरोप
उसने अपने पहले पति से तलाक लिया था। पहली शादी से उसके एक बच्ची भी है। इसके बावजूद महिला ने शादी से पहले पति को ये बातें नहीं बताई। इससे जाहिर होता है कि आरोपी पत्नी ने अपने मौजूदा पति को अंधेरे में रखकर धोखाधड़ी की है। हालांकि तमाम तर्क सुनने के बाद कोर्ट में महिला की सशर्त जमानत मंजूर कर ली। इसमें शर्त है कि महिला जमानत के दौरान किसी गवाह से नहीं मिलेगी। इसके साथ ही जब तक मामले का हल नहीं, महिला के खिलाफ कोई शिकायत नहीं आनी चाहिए। वरना जमानत रद करते हुए उसे जेल भेजा जा सकता है।