दिल्ली-हरियाणा के बीच बेहतर सड़क कनेक्टिविटी
दिल्ली के पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा ने आगे कहा “इस कदम का उद्देश्य दिल्ली-हरियाणा के बीच यात्रा को सुगम बनाना, सड़क की स्थिति में सुधार लाना और यातायात को और बेहतर बनाना है। यह निर्णय
मोदी सरकार के डबल इंजन विकास मॉडल का हिस्सा है, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार मिलकर सड़क नेटवर्क को मजबूत करने के लिए काम कर रही हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व और गडकरी की सहमति से हम दिल्ली-रोहतक रोड को एनएचएआई को सौंपने के लिए आगे बढ़े हैं। हम दिल्ली से विभिन्न राज्यों को जोड़ने वाले सभी राष्ट्रीय राजमार्गों को एनएचएआई को सौंपने की प्रक्रिया में हैं। ताकि भारत के राजमार्ग नेटवर्क को मजबूत किया जा सके।”
दो दर्जन से ज्यादा कॉलोनियों के बहुरेंगे दिन
दरअसल, दिल्ली सरकार ने दिल्ली-रोहतक रोड (NH-10) के जिस 13.2 किलोमीटर हिस्से को एनएचएआई को हस्तांतरित किया है। उसपर पीरागढ़ी चौक से टिकरी बॉर्डर तक लगभग दो दर्जन से ज्यादा कॉलोनियां हैं। जहां फिलहाल सड़कों की हालत खस्ताहाल है। इसके साथ ही पानी निकासी की व्यवस्था भी अच्छी हालत में नहीं है। ऐसे में यह रोड एनएचएआई को हस्तांतरित होने से यहां बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलेगी। इसके साथ ही दिल्ली-हरियाणा के बीच रोड कनेक्टिटी और बेहतर होगी।
ड्रेनेज सिस्टम में सुधार से चमकेंगी कॉलोनियां
रिंग रोड पर रोजाना लाखों वाहन चालक आते हैं। दिल्ली और हरियाणा को जोड़ने वाले रोहतक रोड पर यात्रा करने वाले लोगों को ट्रैफिक की परेशानी से बड़ी राहत मिलेगी। जलभराव की समस्या के कारण सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है। जिससे पीरागढ़ी चौक, नांगलोई और पश्चिम विहार जैसे इलाकों में लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है। दिल्ली सरकार के एक आंतरिक अध्ययन के अनुसार इस सड़क पर मौजूद नालियों की चौड़ाई 1 मीटर से 1.5 मीटर तक है। जबकि नालियों की आंतरिक चौड़ाई 1.5 मीटर से अधिक है। एनएचएआई को हस्तांतरित होने के बाद यहां प्रस्तावित नाला 3 मीटर चौड़ा होगा। ड्रेनेज सिस्टम के बेहतर होने से नांगलोई, मुंडका, घेवरा और टिकरी इलाकों की दो दर्जन से ज्यादा कॉलोनियों को बड़ा फायदा होगा।
औद्योगिक क्षेत्र में भी बढ़ेंगी सुविधाएं
इसके अलावा नांगलोई मेट्रो स्टेशन के पास कीरारी सुलेमान नाले से लेकर हिरन कुदना नाले तक की पूरी सड़क आवासीय कॉलोनियों के अनियमित विकास के कारण खराब स्थिति में है। जिसके दोनों ओर अर्ध-वाणिज्यिक और औद्योगिक क्षेत्र हैं। हालांकि इस खंड का पुनर्निर्माण पिछली सरकार की ‘गड्ढा मुक्त शहर’ योजना का हिस्सा था, लेकिन परियोजना को क्रियान्वित नहीं किया गया। एनएचएआई के एक अधिकारी ने बताया “इससे सड़कों का बेहतर रखरखाव, परियोजनाओं का तेजी से निष्पादन और दिल्ली के राजमार्ग नेटवर्क की दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित होगी। इसके साथ ही भारत के राजमार्ग नेटवर्क को और मजबूती मिलेगी।”