Delhi Metro: मेट्रो में घुसते ही असहज हो गईं महिला यात्री, वीडियो शेयर कर बताई आपबीती
Delhi Metro: महिला यात्री ने इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर किया है। इसमें लिखा, “दिल्ली मेट्रो। महिला कोच। रात के लगभग 11 बजे। दो रात पहले मैंने जो अनुभव किया, उसे साझा कर रही हूं…
Delhi Metro: दिल्ली मेट्रो में देर रात चढ़ी एक महिला यात्री अंदर का नजारा देखते ही असहज हो गई। उसने सोशल मीडिया पर अपना अनुभव साझा कर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बहस छेड़ दी है। negi.aditi_ नामक इंस्टाग्राम यूजर ने हाल ही में अपने अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट किया। यह वीडियो दिल्ली मेट्रो के महिला कोच का है। जहां ज्यादा संख्या में पुरुष यात्री बैठे नजर आ रहे हैं। महिला ने वीडियो शेयर सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाए हैं। सोशल मीडिया यूजर्स के मुताबिक यह घटना रात के लगभग 11 बजे की है। जब वह महिला यात्री शहर की अंतिम मेट्रो से यात्रा कर रही थी।
इंस्टाग्राम पर घटना का वीडियो शेयर करते हुए महिला ने लिखा “मैंने सुरक्षा की दृष्टि से महिला कोच चुना था, लेकिन अंदर पहुंचते ही मुझे तब झटका लगा, जब पूरी बोगी में पुरुष यात्री बैठे मिले। मेट्रो के महिला कोच में महिलाओं की संख्या सिर्फ नाममात्र थी। जो महिलाएं वहां बैठी थीं। वो भी असहज हो रही थीं।” सोशल मीडिया यूजर ने आगे लिखा है कि उस समय उन्हें भी भय और असहजता का अनुभव हुआ। जो महिला कोच के पूरे उद्देश्य पर सवाल खड़ा करता है।
रात 11 बजे की घटना, कोच में असहज मिलीं महिला यात्री
उन्होंने वीडियो के साथ लिखा, “दिल्ली मेट्रो। महिला कोच। रात के लगभग 11 बजे। दो रात पहले मैंने जो अनुभव किया, उसे साझा कर रही हूं… मैंने दिल्ली की आखिरी मेट्रो ली और महिलाओं के कोच को चुना। यह सोचकर कि यह ज़्यादा सुरक्षित जगह होगी। लेकिन जब मैं अंदर गई तो पुरुष बैठे थे और सच कहूं तो यह वाकई बहुत बेचैन करने वाला लगा… उस पल ने सुरक्षा की भावना को पूरी तरह से हिला दिया।” वीडियो में देखा जा सकता है कि कोच में अधिकांश सीटों पर पुरुष बैठे हैं और कुछ महिलाएं कोने में खड़ी या असहज मुद्रा में बैठी हैं। इस वीडियो को पांच दिन में 20 लाख से अधिक बार देखा जा चुका है और यह तेजी से वायरल हो गया है।
इस इंस्टाग्राम पोस्ट पर हजारों प्रतिक्रियाएं आईं हैं। कई महिलाओं ने इसे “हर रोज़ का अनुभव” बताया और लिखा कि महिला कोच की असली आवश्यकता अब भी बनी हुई है। एक यूज़र ने कहा, “यह कोच हमारी सुरक्षा और सुविधा के लिए है। ताकि हम बिना डर के यात्रा कर सकें। पुरुषों को सामान्य कोच का उपयोग करना चाहिए।” एक अन्य यूज़र ने कहा, “अब तो स्थिति यहां तक पहुंच गई है कि हर महिला कोच में एक महिला पुलिसकर्मी होनी चाहिए तभी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।”
कई लोगों ने यह भी बताया कि अक्सर महिला कोच में पुरुष यात्री बिना किसी डर के चढ़ जाते हैं, और मेट्रो स्टाफ द्वारा कोई सख्त कार्रवाई नहीं की जाती। यह लापरवाही न सिर्फ नियमों की अनदेखी है, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए खतरा भी है। एक सोशल मीडिया यूजर्स ने इस वीडियो पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा “भारतीय पुरुष कभी नहीं बदलेंगे।”
क्या हैं दिल्ली मेट्रो के नियम?
दरअसल, दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) के नियमों के अनुसार, महिला कोच में पुरुषों का प्रवेश निषेध है। अगर कोई पुरुष महिला कोच में यात्रा करता पाया जाता है तो उसपर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। लेकिन जमीनी हकीकत इससे अलग दिखती है। कई बार देर रात या भीड़ के समय इन नियमों का पालन नहीं किया जाता, और इससे महिलाओं की सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है। यह घटना भी दिल्ली की उस हकीकत को उजागर करती है जहां महिला यात्रियों को हर दिन असुरक्षा का सामना करना पड़ता है। भले ही उनके लिए विशेष सुविधा उपलब्ध हो। यह सिर्फ एक महिला की कहानी नहीं, बल्कि उन हज़ारों महिलाओं की आवाज ह। जो हर दिन यात्रा के दौरान असहजता और डर का अनुभव करती हैं।
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