वीजा नहीं मिला, अंतिम कर्मकांड में देर रामनाथ महाराज ने बताया कि समय पर वीजा नहीं मिलने से अंतिम कर्मकांड में देर हुई। हम अस्थियों के विसर्जन के लिए वीजा नियमों में छूट चाहते हैं। प्रोटोकॉल अधिकारी अरुण महल के मुताबिक भारत आए प्रतिनिधिमंडल में सात लोग शामिल हैं। इन्होंने प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में शामिल होने के लिए वीजा में विस्तार की मंजूरी मांगी है। प्रतिनिधिमंडल लखनऊ भी जाना चाहता है।
2011 और 2016 में भी आई थीं पाकिस्तान में निधन के बाद हिंदुओं और सिखों के अस्थि कलश विभिन्न मंदिरों में रख दिए जाते हैं। कई कलश जमा होने के बाद सनातन धर्म प्रतिनिधियों की ओर से वीजा हासिल करने की प्रक्रिया शुरू की जाती है। रामनाथ महाराज इससे पहले 2016 में 136 और 2011 में 160 लोगों की अस्थियां लेकर भारत आए थे।