scriptआयुर्वेदिक डॉक्टर की कहानी; 50 से ज्यादा हत्याएं, किडनी-लिवर तक बेचा, फिर दौसा में पुजारी… | Full story of serial killer Doctor Death Devendra Sharma arrested by Delhi Police from Dausa, Rajasthan | Patrika News
नई दिल्ली

आयुर्वेदिक डॉक्टर की कहानी; 50 से ज्यादा हत्याएं, किडनी-लिवर तक बेचा, फिर दौसा में पुजारी…

Doctor Death Devendra Sharma: यूपी के अलीगढ़ निवासी आयुर्वेदिक डॉक्टर देवेंद्र शर्मा को आपराधिक दुनिया में ‘डॉक्टर डेथ’ के नाम से जाना जाता है। वह साल 2023 में कोर्ट से पैरोल मिलने के बाद फरार हो गया था।

नई दिल्लीMay 21, 2025 / 02:24 pm

Vishnu Bajpai

Doctor Death Devendra Sharma: आयुर्वेदिक डॉक्टर की कहानी; 50 से ज्यादा हत्याएं, किडनी-लिवर तक बेचा, फिर दौसा…

दिल्ली पुलिस ने राजस्‍थान के दौसा से सीरियल किलर डॉ. देवेंद्र शर्मा को गिरफ्तार किया।

Doctor Death Devendra Sharma: डॉ. देवेंद्र शर्मा एक ऐसा नाम है। जिसे डॉक्टर डेथ के नाम से जाना जाता है। यह कोई साधारण डॉक्टर अपराधी नहीं है। पुलिस रिकॉर्ड में इस आयुर्वेदिक डॉक्टर पर 50 से हत्याएं कर शवों को मगरमच्छों को खिलाने की वारदातें दर्ज हैं। इसके अलावा ‘डॉक्टर डेथ’ पर 125 से ज्यादा किडनी प्रत्यारोपण करवाने का भी आरोप है। यह काम इसने साल 1994 से 2004 के बीच किया। दिल्ली पुलिस ने इस ‘डॉक्टर डेथ’ को राजस्‍थान के दौसा में एक म‌ंदिर से गिरफ्तार किया है। आरोपी मंदिर में पुजारी बनकर रह रहा था। आरोपी ने दिल्ली, राजस्‍थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के 50 से ज्यादा टैक्सी चालकों की हत्या कर उनकी किडनियां निकाल लीं और शवों को यूपी के कासगंज में हजारा नहर में फेंककर मगरमच्छों को खिला देता था।
दिल्ली पुलिस के एसीपी उमेश बड़थवाल ने बताया कि राजस्थान के दौसा स्थित एक आश्रम से फरार अपराधी डॉ. देवेंद्र शर्मा को पुलिस ने धर दबोचा है। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ का रहने वाला 67 वर्षीय शर्मा हत्या, अपहरण और लूट जैसे संगीन अपराधों में संलिप्त रहा है। उस पर कुल 27 आपराधिक मामले दर्ज हैं और उसे दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान की अदालतों द्वारा सात मामलों में उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है। गुड़गांव की अदालत ने तो टैक्सी चालक की हत्या के मामले में उसे फांसी की सजा भी दी थी। पूछताछ में उसने 50 से अधिक लोगों की हत्या करने की बात कबूल की है।

2004 में परिवार ने छोड़ा साथ, 2023 में पैरोल के बाद हुआ फरार

2004 में उसके अपराध उजागर होने के बाद उसकी पत्नी और बच्चों ने उसका साथ छोड़ दिया था। 2023 में तिहाड़ जेल से पैरोल पर बाहर आने के बाद वह फरार हो गया था और तभी से पुलिस उसे तलाश रही थी। दिल्ली क्राइम ब्रांच ने उसकी गतिविधियों पर नजर रखते हुए अलीगढ़, आगरा, प्रयागराज, जयपुर और दिल्ली में उसके संभावित ठिकानों की निगरानी की। गुप्त सूचना के आधार पर पता चला कि वह दौसा के एक आश्रम में पुजारी बनकर रह रहा है।
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आयुर्वेदिक डॉक्टर से बना अपराधी

एसीपी उमेश बड़थवाल की अगुआई में क्राइम ब्रांच की टीम ने आश्रम में साधु का वेश धरकर योजना बनाई। टीम ने स्वयं को अनुयायी बताकर आरोपी से संपर्क किया और उसकी गतिविधियों पर नजर रखी। जब यह पुष्टि हो गई कि वह व्यक्ति वास्तव में डॉ. देवेंद्र शर्मा ही है, तो टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपी ने अपना जुर्म स्वीकार करते हुए बताया कि वह पैरोल पर बाहर आने के बाद कभी जेल लौटने का इरादा नहीं रखता था। देवेंद्र शर्मा ने 1984 में बिहार से बीएएमएस (बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी) की डिग्री ली थी। इसके बाद राजस्थान के बांदीकुई में ‘जनता क्लीनिक’ के नाम से आयुर्वेदिक क्लिनिक खोला, जिसे उसने 11 वर्षों तक चलाया।

हत्या, किडनी रैकेट और गैस एजेंसी की आड़ में अपराध

1995 से 2004 के बीच उसने अवैध गैस एजेंसी, किडनी रैकेट और टैक्सी चालकों की हत्या जैसे कई जघन्य अपराध अंजाम दिए। पुलिस के अनुसार, वह अपने साथियों के साथ मिलकर टैक्सी और ट्रक चालकों की हत्या करता और उनके शव यूपी के कासगंज स्थित हजारा नहर में मगरमच्छों के हवाले कर देता, ताकि कोई सबूत न बचे। उसने 1998 से 2004 के बीच एक डॉक्टर अमित के साथ मिलकर अवैध किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट भी चलाया, जिसमें उसने करीब 125 ट्रांसप्लांट्स में बिचौलिये की भूमिका निभाई और प्रति ट्रांसप्लांट 5 से 7 लाख रुपये तक लिए।

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