गीता और बबीता फोगाट का सफर
फोगाट बहनों में गीता और बबीता की कहानी बॉलीवुड फिल्म दंगल के जरिए अमर हो गई है, जहां सुपरस्टार आमिर खान ने उनके पिता महावीर सिंह फोगाट की भूमिका निभाई। जबकि 2016 की फिल्म के बाद उन्होंने काफी लोकप्रियता हासिल की। हालांकि, कुश्ती की दुनिया में उनके कारनामों ने लोगों को बहुत पहले ही ध्यान आकर्षित कर दिया था। गीता, बबीता, रितु और संगीता फोगाट सगी बहनें हैं। ये सभी कुश्ती कोच महावीर सिंह फोगाट की बेटियां हैं। प्रियंका और विनेश फोगाट महावीर के भाई की बेटियां हैं। दोनों के पिता का देहांत होने के बाद महावीर ने ही दोनों का पालन-पोषण किया। गीता फोगाट अपने परिवार में सबसे बड़ी हैं। उन्होंने साल 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स में तब इतिहास रचा, जब उन्होंने महिलाओं के 55 किग्रा भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीता। इसी के साथ यह कॉमनवेल्थ गेम्स में किसी महिला भारतीय पहलवान द्वारा पहला स्वर्ण पदक था। छोटी बहन बबीता फोगाट ने 51 किग्रा में रजत पदक जीता। यह दोनों बहनों की कड़ी मेहनत और उनके समर्पण के लिए एक इनाम था। जहां समाज में महिलाओं की निंदनीय अपेक्षाओं के खिलाफ लड़ने से लेकर उनके पिता, एक पूर्व पहलवान और अब एक प्रसिद्ध कोच द्वारा तैयार किए गए सख्त ट्रेनिंग से मिला।
दोनों बहनों को आगे बढ़ाने में पिता की भूमिका
हरियाणा के भिवानी जिले के पास स्थित चरखी दादरी जिले के बलाली गांव में जन्मीं गीता और बबीता फोगाट बचपन से ही कुश्ती में विशेष रुचि रखती थीं। बेटियों की रुचि जानकर उनके पिता महावीर फोगाट ने उन्हें कुश्ती के दांव-पेच सिखाने शुरू कर दिए। यह आसान नहीं था। लड़कियों को कुश्ती सिखाने वाले महावीर को गांव वालों का काफी विरोध सहना पड़ा। विरोध का सिलसिला यहां तक बढ़ा कि उन्हें अपने परिवार के साथ गांव छोड़ना पड़ा। लेकिन इतने मुश्किल दौर में भी न तो महावीर को हौसले पस्त हुए और न ही विनेश के। महावीर और उनके परिवार वालों पर उनके गांव वालों से काफी दबाब डाला। जब उन्होंने अपनी लड़कियों को रेसलिंग के लिए आगे किया। यहां तक की उन्हें उनके गांव से भी निकाल दिया गया। इसके बावजूद महावीर फोगाट ने बेटियों का सपना पूरा करने की जुगत में लगे रहे, इसके लिए वह खुद भूखे रहकर बेटियों के लिए भोजन का प्रबंध करते थे।
अब आते हैं राधिका यादव की कहानी पर
साल 2000 में जन्मीं राज्य और राष्ट्रीय स्तर की टेबल टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव गुरुग्राम में अपने परिवार के साथ रहती थीं। बीते गुरुवार को उनके पिता ने पांच राउंड गोलियां मारकर उनकी हत्या कर दी। इसके पीछे पुलिस को तीन थ्योरियां बताई गई हैं। यह तीनों थ्योरियां न तो पुलिस के गले उतर रही हैं और न ही लोग इसपर भरोसा कर रहे हैं। इस हत्याकांड के पीछे की असली वजह जानने के लिए पुलिस ने राधिका के पिता दीपक यादव को एक दिन के रिमांड पर लिया है। शुक्रवार को गुरुग्राम कोर्ट से इजाजत मिलने के बाद पुलिस दीपक यादव को अपने साथ पूछताछ के लिए लेकर गई है।
थ्योरी 1: समाज के तानों से टूट गया था पिता
पुलिस के अनुसार, दीपक ने कबूल किया कि वह बेटी की टेनिस अकैडमी बंद कराना चाहता था, लेकिन राधिका इसके लिए तैयार नहीं थी। उसका दावा है कि लोग उसे यह कहकर ताने देते थे कि वह बेटी की कमाई पर पल रहा है। प्रवक्ता संदीप सिंह के अनुसार, दीपक को यह बात बुरी लगती थी कि समाज उसे लेकर बातें करता है और इससे वह मानसिक दबाव में आ गया था। अब इसमें सवाल ये उठते हैं कि अगर दीपक एक प्रतिष्ठित और आधुनिक इलाके में रहता था, तो कौन लोग थे जो उसे ताने मार रहे थे? यदि उसकी सोच इतनी दकियानूसी थी, तो क्या वह राधिका को टेनिस जैसे खेल में आगे बढ़ने देता? यदि वाकई समाज के तानों से वह इतना आहत था, तो निशाना उन लोगों पर बनता, बेटी पर क्यों?
थ्योरी 2: सोशल मीडिया रील्स बनी झगड़े की वजह
शुरुआती जांच में पुलिस ने यह भी कहा कि रील्स को लेकर बाप-बेटी में बहस हुई थी। रेजिडेंट वेलफेयर असोसिएशन के प्रमुख पवन यादव ने बताया कि कुछ लोगों ने राधिका की एक रील पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिससे परिवार में विवाद हुआ और राधिका को सोशल मीडिया अकाउंट हटाना पड़ा। यहां भी सवाल उठते हैं कि जब राधिका ने पहले ही परिवार की बात मान ली थी और अपना अकाउंट डिलीट कर दिया था, तो पिता की नाराजगी क्यों बनी रही? यदि समस्या सोशल मीडिया को लेकर थी, तो अकाउंट डिलीट होने के बाद गुस्से का कोई कारण नहीं बचता।
थ्योरी 3: म्यूजिक वीडियो बना विवाद की जड़
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि राधिका के एक म्यूजिक वीडियो में शामिल होने से दीपक नाराज़ था और इसी वजह से दोनों के बीच तनाव बढ़ा। लेकिन पुलिस जांच में यह बात भी कमज़ोर दिखती है। क्योंकि संबंधित वीडियो जून 2024 में रिलीज हुआ था। जबकि हत्या एक साल बाद हुई। अगर वीडियो को लेकर असहमति थी, तो इतने लंबे समय तक वह चुप क्यों रहा? पुलिस ने इस थ्योरी को लेकर अब तक कोई ठोस सबूत नहीं पाया है।
पुलिस रिमांड: असली वजह से उठेगा पर्दा?
गुरुग्राम पुलिस ने दीपक को अदालत में पेश कर एक दिन की रिमांड ली है। अब उससे पूछताछ के दौरान यह जानने की कोशिश की जा रही है कि हत्या का असली कारण क्या था? क्या वाकई वह मानसिक तनाव में था, या फिर इस हत्याकांड के पीछे कोई और अनकही कहानी छुपी है?