scriptDelhi Court: फैसला सुनाने से ठीक पहले स्टेनोग्राफर ने दी आत्महत्या की धमकी…दिल्ली की अदालत में हाई वोल्टेज ड्रामा | high voltage drama in Karkardooma Delhi court Judge Neha Garg verdict before stenographer threatens commit suicide | Patrika News
नई दिल्ली

Delhi Court: फैसला सुनाने से ठीक पहले स्टेनोग्राफर ने दी आत्महत्या की धमकी…दिल्ली की अदालत में हाई वोल्टेज ड्रामा

Delhi Court: दिल्ली की एक कोर्ट में उस समय हड़कंप मच गया। जब जज के एक मुकदमे में फैसला सुनाने से ठीक पहले स्टेनोग्राफर ने आत्महत्या की धमकी दे दी। इस घटनाक्रम के बाद जज को फैसले का आदेश स्‍थगित करना पड़ा।

नई दिल्लीMay 11, 2025 / 05:41 pm

Vishnu Bajpai

Delhi Court: फैसला सुनाने से ठीक पहले स्टेनोग्राफर ने दी आत्महत्या की धमकी…दिल्ली की अदालत में हाई वोल्टेज ड्रामा

Delhi Court: फैसला सुनाने से ठीक पहले स्टेनोग्राफर ने दी आत्महत्या की धमकी…दिल्ली की अदालत में हाई वोल्टेज ड्रामा

Delhi Court: दिल्ली की एक अदालत में ऐसा मामला सामने आया। जो आमतौर पर कोर्ट की गंभीरता और अदालती कार्रवाई से बिल्कुल विपरीत था। हुआ कुछ यूं कि दुर्घटना के एक मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद जज फैसला सुनाने की तैयारी में थीं। इसी बीच भरी अदालत में एक स्‍थायी स्टेनोग्राफर ने मजिस्ट्रेट को आत्महत्या करने की धमकी दे दी और वह अदालत से बाहर चला गया। इसके बाद जज को फैसले के आदेश को रोकना पड़ा। भरी अदालत में स्टेनोग्राफर के इस व्यवहार से कोर्ट परिसर में हड़कंप मच गया। हालांकि बाद में स्टेनोग्राफर और जज के बीच सहमति बन गई तो जज ने फैसला भी सुना दिया, लेकिन इस प्रक्रिया में दस दिन लग गए। इस मामले की जानकारी जज ने खुद दी है।

अचानक हुए घटनाक्रम से कोर्टरूम में फैली सनसनी

मामला दिल्ली की कड़कड़डूमा अदालत का है। 29 अप्रैल का दिन था। न्यायिक मजिस्ट्रेट नेहा गर्ग अपने कक्ष में एक दशक पुराने सड़क दुर्घटना के मामले का अंतिम फैसला सुनाने जा रही थीं। आरोपी ट्रक ड्राइवर सुखदेव पर लापरवाही से वाहन चलाने का आरोप भी साबित हो गया था। इस हादसे में एक मोटरसाइकिल सवार की जान चली गई थी। दोनों पक्षों की मौजूदगी में अदालत की कार्यवाही शुरू हुई थी। इसी बीच एक स्‍थायी स्टेनोग्राफर ने जज नेहा गर्ग को आत्महत्या की धमकी दी और कोर्ट रूम से बाहर चला गया। इसके बाद अदालत में बैठी जज को बेहद अनपेक्षित और चौंकाने वाले घटनाक्रम के चलते अपनी कार्यवाही बीच में रोकनी पड़ी। इससे पूरे न्यायालय परिसर में हलचल मच गई।
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जज के आदेश में दर्ज हुआ घटनाक्रम

दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में 29 अप्रैल को हुए इस घटनाक्रम को खुद मजिस्ट्रेट ने अपने आदेश में दर्ज किया है। जज ने अपने आदेश में लिखा है कि अदालत का नियमित स्टेनोग्राफर आत्महत्या की धमकी देकर कोर्ट छोड़ गया। जिसके चलते फैसला सुनाया नहीं जा सका। इसके बाद कोर्ट ने आदेश दिया कि इस फैसले को अगली तारीख पर पुनः सूचीबद्ध किया जाए।
हालांकि जब तक स्टेनोग्राफर की स्थिति सामान्य नहीं हुई। तब तक अदालत को फैसले की प्रक्रिया रोकनी पड़ी, लेकिन न्याय की राह में आई यह अनपेक्षित रुकावट ज्यादा समय तक नहीं टिक सकी और अंततः 9 मई को मजिस्ट्रेट नेहा गर्ग ने इस मामले में अपना निर्णय सुना दिया। इसके तहत आरोपी ट्रक चालक सुखदेव को भारतीय दंड संहिता की धारा 279 और 304ए के तहत दोषी करार दिया।
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साल 2012 में हुआ था हादसा

दरअसल, दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में जिस मामले पर फैसला अटक गया था। वह साल 2012 में घटी एक गंभीर सड़क दुर्घटना से जुड़ा था। ट्रक चालक सुखदेव पर आरोप था कि उसने बेहद लापरवाही से गाड़ी चलाते हुए एक मोटरसाइकिल सवार को टक्कर मारी। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। अदालत में सुनवाई के दौरान गवाहों के बयान, सबूतों की समीक्षा और दलीलों के आधार पर सुखदेव को दोषी पाया गया। इस मामले में अदालत ने आरोपी ट्रक चालक सुखदेव को धारा 279 के तहत छह महीने का कठोर कारावास और पांच सौ जुर्माने की सजा सुनाई है। जबकि धारा 304A के तहत आरोपी को बाइक सवार की मृत्यु का कारण मानते हुए दो साल के कारावास की सजा सुनाई है।

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