जैसे दूध के दांत गिरने के बाद आते हैं… वैज्ञानिक प्रयोग कर रहे हैं कि अगर कोई दांत टूट जाए तो उसकी जगह फिर से नया दांत आ जाए। इस प्रक्रिया में इंसान के जबड़े में दांत की छोटी-छोटी शुरुआती कोशिकाएं डाली जाएंगी। ये कोशिकाएं धीरे-धीरे असली दांत में बदल जाएंगी। वैज्ञानिकों की टीम में शामिल झांग शूचेन का कहना है कि यह उसी तरह उगेगा, जैसे बचपन में दूध के दांत गिरने के बाद नए दांत आते हैं।
इंसानों के पास हाथी जैसा विकल्प नहीं शार्क मछली और हाथी जिंदगीभर नए दांत उगा सकते हैं। इंसानों के पास ऐसा विकल्प नहीं है। लोग दांत टूटने पर फिलिंग और इंप्लांट करवाते हैं। यह अस्थायी समाधान है। वैज्ञानिकों का कहना है कि फिलिंग और इंप्लांट समय के साथ दांतों को नुकसान पहुंचाते हैं। लैब में उगे दांत असली दांत जैसे होंगे। ये मजबूत भी होंगे।