scriptकोई राशन तो कोई फर्नीचर लेकर भागा…दिल्ली में आठ घंटे गरजे छह बुलडोजर, बिजली-पानी कनेक्‍शन कटे | Six bulldozers action 8 hours on Taimur nagar drain in Delhi demolishing dozens houses Electricity and water connection cut | Patrika News
नई दिल्ली

कोई राशन तो कोई फर्नीचर लेकर भागा…दिल्ली में आठ घंटे गरजे छह बुलडोजर, बिजली-पानी कनेक्‍शन कटे

Delhi: दक्षिण पूर्वी दिल्ली के तैमूर नगर स्थित नाले के आसपास सोमवार को बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई। आठ घंटे तक चली कार्रवाई में छह बुलडोजरों ने दर्जनों मकान ढहा दिए। जिन मकानों को तोड़ा गया। उनके बिजली और पानी के कनेक्‍शन भी काटे गए।

नई दिल्लीMay 06, 2025 / 11:50 am

Vishnu Bajpai

Delhi: कोई राशन तो कोई फर्नीचर लेकर भागा...दिल्ली में आठ घंटे गरजे छह बुलडोजर, बिजली-पानी कनेक्‍शन कटे

Delhi: कोई राशन तो कोई फर्नीचर लेकर भागा…दिल्ली में आठ घंटे गरजे छह बुलडोजर, बिजली-पानी कनेक्‍शन कटे

Delhi: दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के तैमूर नगर में सोमवार को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की ओर से एक बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई। यह अभियान दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश पर चलाया गया। अधिकारियों का कहना है कि नाले के किनारे अतिक्रमण होने से हर साल मानसून के दौरान यहां जलभराव की समस्या होती है। इसके साथ ही यहां बड़ी संख्या में बांग्लादेशियों के अवैध कब्जा करने की आशंका भी है। कार्रवाई के दौरान मौके पर दिल्ली नगर निगम, दिल्ली पुलिस और रैपिड एक्‍शन फोर्स के जवान मौजूद रहे। कार्रवाई का उद्देश्य नाले के किनारे हो रहे अतिक्रमण को हटाना और मानसून के दौरान जलभराव की समस्या से निजात पाना था। इस दौरान नाले से नौ मीटर की दूरी तक बनी कई अवैध इमारतों और ढांचों को ध्वस्त कर दिया गया।
दरअसल, दिल्ली उच्च न्यायालय ने 28 अप्रैल को डीडीए को 5 मई को तैमूर नगर नाले के पास अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए थे। इस नाले के आसपास तैमूर नगर, श्रीनिवासपुरी, गढ़ी, कालिंदी, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी और फ्रेंड्स कॉलोनी वेस्ट जैसे क्षेत्र आते हैं, जहां तीन लाख से अधिक लोग निवास करते हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने मानसून के दौरान होने वाले जलभराव के चलते यह आदेश जारी किया था। कार्रवाई के दौरान लोग राशन और फर्नीचर की शिफ्टिंग में जुटे रहे।
इसके तहत सोमवार सुबह सात बजे से ही दिल्ली पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) के जवान तैनात कर दिए गए थे। करीब 8:30 बजे डीडीए के अधिकारियों के मौके पर पहुंचने के बाद कार्रवाई शुरू हुई, जो शाम 4:30 बजे तक जारी रही। इस दौरान नाले से सटे नौ मीटर इलाके में बने सौ से अधिक अवैध मकानों और डेयरियों को ध्वस्त कर दिया गया। सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए मुख्य सड़क के दोनों छोर पर बैरिकेडिंग कर दी गई थी और जिन इमारतों को तोड़ा गया, उनके बिजली-पानी के कनेक्शन भी काट दिए गए।
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स्थानीयों लोगों ने दी हाईकोर्ट जाने की चेतावनी

कार्रवाई को लेकर स्थानीय निवासियों में भारी आक्रोश है। कपासिया मोहल्ला के निवासी सुरेंद्र सिंह ने दावा किया कि यह जमीन उनके पूर्वजों की है और वे करीब दो सौ सालों से यहां रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि साल 2007 में राज्य सरकार ने इस जमीन को अधिकृत क्षेत्र घोषित किया था और यह विस्तारित लाल डोरा श्रेणी में आता है। सुरेंद्र ने आरोप लगाया कि महारानी बाग में नाले की चौड़ाई केवल नौ मीटर रखी गई। जबकि तैमूर नगर में 27 मीटर तक चौड़ाई बढ़ाई गई है। जो अन्यायपूर्ण और भेदभावपूर्ण है। उन्होंने कहा कि वे इस कार्रवाई के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।

45 सालों से रह रहे परिवारों पर भी छत का संकट

तैमूर नगर में रहने वाले अजय कामत ने बताया कि जहां कार्रवाई की गई। वहां करीब 45 सालों से परिवार रह रहे थे। कई मकानों में किरायेदार भी रह रहे थे। उनका कहना है कि इस अभियान के चलते दो हजार से अधिक लोग एक झटके में बेघर हो गए हैं। जिनके पास अब रहने का कोई स्थान नहीं है। वहीं लोगों का आरोप है कि नाले के पास लंबे समय से अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों ने नाले के बेहद नजदीक पक्के मकान खड़े कर लिए थे, लेकिन कई बार शिकायतों के बावजूद प्रशासन ने उनपर कोई कार्रवाई नहीं की।

जलभराव बनी बड़ी समस्या, मानसून से पहले सफाई ज़रूरी

इस मामले में नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि तैमूर नाले पर अतिक्रमण के चलते कार्रवाई की गई है। सीएम रेखा गुप्ता के निर्देश पर दिल्ली के सभी नालों की सफाई के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं। इसके साथ ही दिल्ली में अवैध कब्जे पर निगरानी की जा रही है। वहीं फ्रेंड्स कॉलोनी की आरडब्ल्यूए के सदस्यों ने बताया कि बारिश के समय नाले का पानी कुछ ही घंटों में घरों में भर जाता है। कॉलोनी ग्रेड-ए क्षेत्र में आती है। फिर भी हर मानसून में जलभराव की गंभीर स्थिति उत्पन्न हो जाती है। उन्होंने कहा कि डीडीए, जल बोर्ड और नगर निगम को मिलकर तैमूर नगर नाले की समुचित सफाई करनी चाहिए।
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महज पांच फीट रह गई नाले की चौड़ाई

अधिकारियों की मानें तो तैमूर नाला करीब 500 मीटर लंबा है। जो महारानी बाग के गेट नंबर 5 से शुरू होकर खिजराबाद मेन रोड तक जाता है। इस नाले का शुरूआती हिस्सा जहां 20 से 30 फीट चौड़ा है। वहीं अतिक्रमण और कचरा जमा होने के कारण कई जगहों पर इसकी चौड़ाई घटकर केवल पांच फीट रह गई है। इससे मानसून के दौरान कई जगह नाला जाम हो जाता है। इसके चलते तैमूर नगर, श्रीनिवासपुरी, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी समेत आसपास के इलाकों में बारिश के दौरान जलभराव की स्थिति पैदा हो जाती है। इस क्षेत्र में करीब तीन लाख लोग निवास करते हैं। जिनके लिए मानसून हर साल बड़ी चुनौती बन जाता है।

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