डीसीपी सिटी राजेश कुमार ने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस एक्टिव मोड में आ गई। पीड़िता की बताई लोकेशन के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज, पीड़िता की सीडीआर और मेडिकल जांच की गई तो सारे आरोप फर्जी पाए गए। इसके बाद कविनगर पुलिस ने मामले का पर्दाफाश करते हुए महिला को गिरफ्तार कर लिया है। डीसीपी सिटी राजेश कुमार के अनुसार, कविनगर के अवंतिका निवासी महिला ने 25 फरवरी को कविनगर थाने में केस दर्ज कराया। इसमें उसने बताया कि 24 फरवरी की रात वह घर से सोमवार बाजार की तरफ जा रही थी। इसी बीच रास्ते में कार सवार वैभव चौहान, दीपक चौहान और एक अज्ञात युवक ने उसे अगवा किया।
फ्लैट और रुपये ऐंठने के चक्कर में रची झूठी कहानी
महिला ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने उसे नशीला इंजेक्शन दिया और शराब पीकर बारी-बारी उसके साथ गैंगरेप किया। इसके बाद उसे केमिकल से जलाया और महरौली फाटक के पास फेंक दिया। डीसीपी ने बताया “पुलिस की जांच में घटना फर्जी निकली। दरअसल, मूलरूप से एनटीपीसी विद्युत नगर दादरी निवासी महिला ने अपने लिविंग पार्टनर का फ्लैट और उसकी पैरवी करने वाले दोस्तों से लाखों रुपये ऐंठने के लिए गैंगरेप की झूठी कहानी रची थी। इसमें एक अन्य की भी भूमिका सामने आई है। साक्ष्य संकलन कर उसे भी गिरफ्तार किया जाएगा।” मेडिकल रिपोर्ट देख चौंकी पुलिस
डीसीपी सिटी राजेश कुमार ने बताया कि महिला ने अपनी शिकायत में बताया था कि आरोपियों ने उसके बाएं कंधे में नशीला इंजेक्शन लगाया था। बाद में उसने अपने ही बयान में बताया कि उसे गाड़ी में बायीं तरफ से खींचा गया और आरोपी दायीं तरफ बैठे थे। ऐसे में उसे बायीं तरफ इंजेक्शन कैसे लगाया जा सकता है। इसके साथ ही मेडिकल जांच में रुई से शरीर पर केमिकल लगाने की पुष्टि हुई। ऐसे में पुलिस का शक महिला पर ही गहरा गया। इसके बाद पुलिस ने महिला और आरोपियों की सीडीआर को जांच में शामिल किया।
सीसीटीवी फुटेज और सीडीआर ने खोल दिया पूरा केस
डीसीपी राजेश कुमार ने बताया कि सीसीटीवी के अनुसार, 24 फरवरी की रात 8:27 बजे
गाजियाबाद के कविनगर के अवंतिका निवासी महिला अपने फ्लैट से निकली और अवंतिका रोड पर खड़े एक वाहन में बैठकर चली गई गई। इसके बाद 10:19 बजे उसी स्थान पर वाहन से उतरी। फिर पैदल अपने फ्लैट पर गई। बाद में रात 12:18 बजे वह फिर फ्लैट से निकली और अवंतिका पुलिया की तरफ सीसीटीवी में जाती दिखाई दी। पुलिस ने बताया कि सीसीटीवी में घटना का समय और डायल-112 पर सूचना देने के बीच ढाई घंटे का अंतर मिला।
इसके अलावा सीडीआर में महिला की लोकेशन 8 बजे अवंतिका, 9:27 बजे सत्यम बिल्डिंग आरडीसी राजनगर और रात 12.25 बजे फिर अवंतिका में थी। महिला की शिकायत के अनुसार आरोपियों ने उसे महरौली फाटक पर फेंका था, लेकिन डायल-112 पर कॉल करने के दौरान महिला की लोकेशन महरौली फाटक पर नहीं मिली। जबकि आरोपी वैभव चौहान और दीपक चौहान की लोकेशन भी घटनास्थल पर नहीं मिली। दोनों आरोपियों की लोकेशन घटना वाली रात अलग-अलग स्थान पर मिली। महिला की भी लोकेशन दोनों आरोपियों के आसपास नहीं थी। ऐसे में सख्ती से पूछताछ की गई तो महिला ने फर्जीवाड़ा स्वीकार कर लिया।
जेल में बंद है महिला का लिविंग पार्टनर
पुलिस के अनुसार, कुछ महीने पहले इस महिला ने अपने लिविंग पार्टनर विकास त्यागी पर रेप और मारपीट का आरोप लगाया था। इस मामले में पुलिस ने विकास त्यागी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। बाद में महिला ने दोनों के बीच आपसी सहमति से संबंध बनने की बात कही थी। विकास त्यागी के जेल जाने के बाद उसके वकील वैभव चौहान और दीपक चौहान मामले की पैरवी कर रहे हैं। इसलिए महिला ने उन्हें भी झूठे मुकदमे में फंसाने की साजिश रची थी। बहरहाल पुलिस ने महिला के खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज कराने और निर्दोष लोगों को फंसाने की साजिश रचने का मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही लोगों से अपील की है कि झूठी शिकायतें दर्ज न कराएं।