इस एक्ट के तहत अनुसूचित जाति के लोगों की जमीन सिर्फ अनुसूचित जाति के ही लोग खरीद सकते हैं, लेकिन इस एक्ट का दुरुपयोग कर कई बड़े डवलपर और कारोबारी कौड़ियों भाव में जमीन लेकर मोटा मुनाफा कमा लेते हैं। आयकर विभाग के अनुसार इन मामलों में अगर पीड़ित बेनामीदार आगे आकर शिकायत दर्ज कराता है, तो धारा 55ए के तहत से सजा से इम्युनिटी (राहत) मिल सकती है।
दरअसल आयकर विभाग एक ‘प्रॉपर्टी इंडेक्स कार्ड’ पर काम कर रहा है, जिसमें उच्च मूल्य वाले प्रॉपर्टी लेन-देन शामिल हैं। विभाग रियल एस्टेट कारोबारी और प्रॉपर्टी डीलरों द्वारा पिछले तीन सालों में हुए बड़े प्रॉपर्टी सौदों की सूची तैयार रहा है। विभाग का कहना है कि बेनामी संपत्तियों और इसके लेन-देन से निपटना हमारा प्रमुख एजेंडा है।