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सिमटती जैव विविधता पर जलवायु परिवर्तन का कहर

हेमंत पारीक

जयपुरMay 21, 2025 / 05:56 pm

Neeru Yadav

अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर विशेष

हर वर्ष 22 मई को अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य प्रकृति की विविधता के प्रति जागरूकता फैलाना और उसके संरक्षण के लिए समाज को प्रेरित करना है। आज जब जलवायु परिवर्तन एक वैश्विक संकट बन चुका है, यह दिन हमें यह सोचने पर विवश करता है कि तेजी से बदलते मौसम और बढ़ते तापमान जैव विविधता को कैसे प्रभावित कर रहे हैं और आने वाले समय में इसके क्या दुष्परिणाम हो सकते हैं। धरती पर जीवन की विविधता-वनस्पतियों, जीव-जंतुओं, सूक्ष्मजीवों से लेकर समुद्री जीवन तक-केवल हमारी पारिस्थितिकी ही नहीं, बल्कि हमारे भोजन, स्वास्थ्य, आवास और आजीविका का आधार है। परंतु जलवायु परिवर्तन के कारण ये सब खतरे में हैं। असमय वर्षा, तीव्र तापमान वृद्धि, बाढ़ और सूखे जैसे परिवर्तन अनेक प्रजातियों के प्राकृतिक आवास को नष्ट कर रहे हैं। हिमालयी क्षेत्रों में पाए जाने वाले बर्फीले तेंदुए अपने मूल आवास से पलायन कर रहे हैं क्योंकि ग्लेशियर तीव्र गति से पिघल रहे हैं। समुद्रों में कोरल रीफ्स नष्ट हो रहे हैं, जिससे लाखों समुद्री प्रजातियों का जीवन संकट में है। राजस्थान की थार मरुस्थल की विशिष्ट छिपकलियां, पक्षी और कीट अब विलुप्ति की कगार पर हैं। इन परिवर्तनों के कारण पारिस्थितिकी तंत्र में असंतुलन उत्पन्न हो रहा है जिसका प्रभाव अंततः मानव जीवन पर भी पड़ता है। मधुमक्खियों और अन्य परागण करने वाले जीवों की संख्या में गिरावट से कृषि उत्पादकता घट रही है और औषधीय पौधों की दुर्लभता से स्वास्थ्य सेवा प्रभावित हो रही है। यदि यह स्थिति जारी रही, तो भविष्य में न केवल हजारों प्रजातियां हमेशा के लिए विलुप्त हो जाएंगी, बल्कि मानव जीवन भी एक गहरे संकट में आ जाएगा। खाद्य श्रृंखला टूटेगी, रोगों में वृद्धि होगी और प्राकृतिक आपदाएं अधिक तीव्र और नियमित हो जाएंगी। पर्यावरणीय पलायन, जल संकट और जैविक संसाधनों के लिए संघर्ष जैसे खतरे भी बढ़ सकते हैं। इन सभी संभावित संकटों का समाधान तभी संभव है जब हम अभी से सतर्क हों। हमें स्थानीय प्रजातियों का संरक्षण करना होगा, प्रदूषण और कार्बन उत्सर्जन को नियंत्रित करना होगा, और जलवायु के अनुकूल जीवनशैली अपनानी होगी। जैव विविधता कोई अलग विषय नहीं, बल्कि हमारे जीवन का आधार है। इसका संरक्षण मात्र पर्यावरण की रक्षा नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित और संतुलित भविष्य की नींव है। इस जैव विविधता दिवस पर आइए संकल्प लें कि हम प्रकृति की विविधता को सहेजेंगे, जलवायु परिवर्तन के खिलाफ सजग होंगे और इस पृथ्वी को जीवंत बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।

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