बरसात का पानी सहजने के लिए सुदृढ़ निकासी तंत्र, जलाशयों का पुनरुद्धार और वर्षा जल संचयन, समय पर नालों की साफ़ सफाई, तकनीकी उपकरणों की स्थापना, हरित क्षेत्र संरक्षण के साथ ही शहरी नियोजन में जल प्रबंधन को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। – अमृतलाल मारू, इंदौर
बारिश आने के पहले पंचायत स्तर पर जलसंरक्षण के लिए अपेक्षित स्थान का चयन होकर स्थानीय रोजगार देते हुए प्राथमिकता से निर्माण हो। पुराने ताल तलैया के अतिक्रमण तत्काल हटवाने चाहिए। पारम्परिक नालों की साफ-सफाई गहराई आदि का प्राथमिकता से सुधार हो, जहां आवश्यक हो जनभागीदारी भी ली जा सकती है। पानी सहेजना व उस पानी के उपयोग पर प्रभावी निगरानी होना अधिक परिणामकारी होगा। – बृज नेहरू पाटीदार, नीमच
सरकार को चाहिए कि वह हर घर, स्कूल और सरकारी इमारत में बारिश का पानी जमा करने की सुविधा बनवाए। पुराने तालाबों और कुओं की मरम्मत कर उन्हें फिर से इस्तेमाल में लाया जाए। गांवों और शहरों में छोटे-छोटे बांध बनाए जाएं, ताकि पानी जमीन में जा सके। इससे पानी की कमी दूर होगी और भूजल स्तर भी बढ़ेगा। साथ ही लोगों को जल संरक्षण के बारे में जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जाएं, जिससे सभी इसमें भागीदार बनें। – सिद्धार्थ जैन, जयपुर