आपकी बात : बिना सोचे-समझे खरीदारी करने की आदत कैसे छोड़ी जा सकती है?
पाठकों ने इस पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं दी हैं। प्रस्तुत हैं पाठकों की कुछ प्रतिक्रियाएं


जरूरत और चाहत में फर्क समझें
बिना सोचे-समझे खरीदारी की आदत छोडऩे के लिए पहले अपनी जरूरत और चाहत में फर्क समझें। खरीदारी से पहले 24 घंटे का नियम अपनाएं- तुरंत न खरीदें। मासिक बजट बनाएं और उसका पालन करें। सेल या ऑफर के बहकावे में न आएं। खर्च लिखने की आदत डालें, ताकि जागरूकता बढ़े। खुद से पूछें- ‘क्या यह वाकई जरूरी है’- इस सवाल से आत्मनियंत्रण विकसित होगा। – संजय माकोडे, बैतूल
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खरीदारी से पहले रिसर्च करें
किसी भी उत्पाद को खरीदने से पहले उसकी गुणवत्ता, कीमत और उपयोगकर्ता समीक्षाओं के बारे में जानकारी इकट्ठा करें। अपनी खरीदारी की आदतों के पीछे के कारणों को समझें, इससे आप बेहतर निर्णय ले पाएंगे। – प्रदीप अग्रवाल, बालोतरा
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जितनी जरूरत, उतना खरीदें
जितनी आवश्यकता हो, उतना ही सामान खरीदना चाहिए, जिससे पैसों की बर्बादी तो रुकेगी ही, बिना सोचे समझे खरीदारी करने की आदत भी छूट जाएगी। बचत से परिवार की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा। – आनंद सिंह राजावत, देवली कला, ब्यावर, राजस्थान
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भावनाओं को नियंत्रित रखें
बिना सोचे-समझे खरीदारी की आदत छोडऩे के लिए पहले बजट बनाएं और जरूरतों को प्राथमिकता दें। खरीदारी करने वाली वस्तुओं की तुलना करें और कीमतें देखें। खरीदारी के समय भावनाओं को नियंत्रित रखें और अनावश्यक खरीदारी करने से बचें। – राजन वर्मा, सूरतगढ़
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बचत ही भविष्य की पूंजी है
आजकल इंसान देखा-देखी में यह भूल गया है कि बचत ही भविष्य की पूंजी हैं क्योंकि हम दूसरों से आगे निकलने की होड़ में इतना धन उड़ा देते हैं कि जब अचानक हमें धन की जरूरत पड़ती हैं तब हम परेशान हो जाते हैं। – प्रियव्रत चारण ‘लव’, जोधपुर
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जरूरी और इच्छित सामानों में अंतर करना सीखें
सबसे पहले बजट बनाएं। उसके बाद जरूरी और इच्छा वाले सामानों में अंतर करना सीखें। ऑनलाइन शॉपिंग कम से कम करें। यदि फिर भी आदत बनी रहती है तो अपने समय को अन्य रुचि के कामों में बिताएं। धीरे-धीरे ये फिजूलखर्ची की आदत छूट सकती है। – निर्मला वशिष्ठ, राजगढ़, अलवर
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पहले खरीदारी का मनोविज्ञान समझें
कभी भी तुरंत खरीदारी ना करें। सोचें कि क्या यह वस्तु जरूरी है या मन ललचाया है? कैश का इस्तेमाल करेंगे तो खर्च सीमित रहेगा और आप अनावश्यक खरीदारी से बचेंगे। हर महीने के खर्च का बजट बनाएं और उसमें फालतू खरीदारी के लिए जगह न रखें। – डॉ. मुकेश भटनागर, भिलाई, छत्तीसगढ़
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कुछ दिन रुक कर सोचें
एक तरीका यह है कि कोई शौक शुरू करने से पहले, उसे आजमाने के लिए थोड़ा वक्त निकाल लें, बिना कोई सामान खरीदे। अगर किसी चीज की जरूरत है, तो तीन दिन लगातार उस प्रोडक्ट के बारे में सोचें कि वह कितनी उपयोगी है, तीसरे दिन ऑटोमेटिक आपको अहसास हो जाएगा कि इसे खरीदना है या नहीं। इस तरह से आप बिना सोचे समझे खरीदारी से बच सकते हैं। – वैशाली सालुंके, इंदौर
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