दरअसल, रविवार दोपहर करीब 1 बजे चूने से भरा ट्रक चारभूजा से देसूरी की तरफ आ रहा था। देसूरी नाल घाट सेंक्शन के ढलान में उकसेब्रेकफ़ेल हो गए। पंजाब मोड़ से उसने आगे चल रहे कोल्डड्रिंक से भरे ट्रक को टक्कर मार दी। हादसे में चूने से भरा ट्रक 40 फ़ीट गहरी खाई में उतर गया। जबकि कोल्डड्रिंक कार्टन से भरा ट्रक सड़क पर पलट गया। ट्रकों के पीछे चल रही पिकअप भी संतुलन खोकर सड़क के पास पलट गई।
हादसे में चूने से भरा ट्रक का कैबिन चकनाचूर हो गया। चालक बीकानेर निवासी राजू चौधरी की मौत हो गई। शव निकालने के लिए ट्रक केबिन को कट्टर के काटना पड़ा। शव को चारभुजा अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। वही, कोल्डड्रिंक कार्टन से भरे ट्रक चालक को मामूली चोटें आई। जबकि दोनों ट्रकों के पीछे चल रही पिक-अप सड़क से खाई की तरफ जा गिरी। हादसे में पिकअप चालक गौतम रेबारी जो आमेट क्षेत्र का रहने वाला है। उसे राजसमंद रैफर किया गया।
सुरक्षा दीवार व क्रॉस बेरियर क्षतिग्रस्त
देसूरी नाल में हादसों की कमी लाना सरकार व प्रशासन के गले की फांस बनी है। सारे प्रबंध विफल हो रहे है। रविवार को हुई इस दुर्घटना के दौड़ता 100 से 150 फ़ीट सुरक्षा दीवार व क्रॉस बेरियर क्षतिग्रस्त हो गए। सुरक्षा दीवार तोड़ते हुए ट्रक 40 फ़ीट खाई में जा गिरे।
ब्यावर के रास्ते जाना था, शॉर्टकट बन गया जानलेवा
पुलिस के अनुसार चूने से भरा ट्रक राजसमंद से ब्यावर के रास्ते पाली जाने वाला था। इसी रूट से ट्रक राजसमंद आया था। वापसी के समय चालक ने शॉर्टकट अपना लिया। ब्यावर की तरफ जाने की बजाय देसूरी नाल से जा रहा था। हादसे की सूचना पर चारभुजा एसएचओ प्रीति रतनु पहुंची। पिक-अप चालक घायल को एम्बुलेंस से चारभुजा अस्पताल पहुंचाया। ग्रामीणों की मदद से चूने से ट्रक के केबिन को कट्टर से काटकर चालक के शव बाहर निकालने के प्रयास किए। बाद में क्रेन की मदद से शव को बाहर निकलवाया और मोर्चरी में रखवाया। इस दौरान देसूरी नाल में वाहनों की कतारें लग गई। मौके पर कुम्भलगढ़ उपखंड अधिकारी आकांशा दुबे भी मौजूद थी।
‘पंजाबमोड़: सबसे अधिक हादसे यही पर’
देसूरी नाल का पंजाब मोड़ हादसों के कारण चर्चित है। इसके इर्दगिर्द आए दिन हादसे होते रहते है। पांच दिन पहले ही प्रयागराज कुंभ से लौट पाली के कोसेलाव आ रही बस दुर्घनाग्रस्त हो गई थी। जिसमें 33 घायल हुए। कुछ महीने पहले पंजाब मोड़ के पास स्कूली बच्चों से भरी बस पलटने से तीन छात्राओं की मौत हुई थी। इसके अलावा पंजाब मोड़ पर सैकड़ों वाहन चट्टान से टकरा चुके है। वर्षो पहले पंजाब ट्रेवल्स की बस का एक्सीडेंट हुआ था। इसके बाद इस खतरनाक मोड़ का नाम पंजाब मोड़ पड़ गया।