महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शाम छह बजे के बाद मतदान के आंकड़ों पर विपक्षी दलों ने खासतौर पर सवाल उठाये है। इस संबंध में बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। याचिकाकर्ता की ओर से वंचित बहुजन आघाडी (वीबीए) मुखिया और एडवोकेट प्रकाश अंबेडकर ने दलील दी।
जस्टिस अजय गडकरी और जस्टिस कमल खाता की दो सदस्यीय पीठ के समक्ष यह सुनवाई हुई। प्रकाश अंबेडकर ने आरोप लगाया कि रिटर्निंग ऑफिसर ने शाम 6 बजे के बाद मतदान को लेकर नियमों का ठीक से पालन नहीं किया। उन्होंने मांग की कि चुनाव आयोग शाम 6 बजे के बाद हुई वोटिंग के वीडियो मुहैया कराए।
याचिका में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शाम 6 बजे के बाद पड़े 76 लाख वोटों पर संदेह जताया गया है। प्रकाश अंबेडकर ने कहा कि अधिकारियों द्वारा नियमों का पालन नहीं किया। पिछले विधानसभा चुनाव में शाम 6 बजे के बाद मतदान के प्रतिशत और इस साल शाम 6 बजे के बाद मतदान के प्रतिशत में बड़ा अंतर है। दलीलों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और केंद्रीय चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया। इस याचिका पर अगली सुनवाई 2 हफ्ते बाद होगी।
संजय राउत ने दिया रिएक्शन
शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने कहा, “हाईकोर्ट ने ईवीएम के बारे में बहुत सख्ती से सवाल पूछे हैं। महाराष्ट्र चुनाव में 76 लाख वोट कैसे बढ़े? इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा है… ये बड़ा घोटाला है और यही महाराष्ट्र में फडणवीस सरकार की जीत का सबसे बड़ा कारण है। इस मामले में जांच होनी चाहिए। अगर हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लिया है तो हम उनका स्वागत करते हैं।”
कैसे पड़े 76 लाख वोट?
हाल ही में महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा था, लोकसभा चुनाव के छह महीने के भीतर मतदाताओं की संख्या 50 लाख कैसे बढ़ गई और मतदान के दिन शाम पांच बजे के बाद 76 लाख वोट कैसे जुड़ गए? पारदर्शिता की मांग के बावजूद, आयोग ने कोई डेटा उपलब्ध नहीं कराया। हालांकि महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) एस चोकलिंगम ने इन दावों को खारिज किया था। उन्होंने कहा था, महाराष्ट्र एक बड़ा राज्य है, जिसमें एक लाख से अधिक मतदान केंद्र हैं। ऐसे में अगर मतदान के अंतिम घंटे में 76 लाख वोटर मतदान के लिए आते हैं, तो हर मतदान केंद्र पर औसतन केवल 76 मतदाता होंगे।