लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कहा कि महाराष्ट्र में हाल ही में हुए चुनाव में गड़बड़ी होने का अंदेशा है। राहुल गांधी ने कहा, “… मैं महाराष्ट्र चुनाव के बारे में कुछ डेटा, कुछ जानकारी इस सदन के ध्यान में लाना चाहता हूं। लोकसभा चुनाव जिसमें इंडिया गठबंधन जीता था… हिमाचल प्रदेश की मतदाता जनसंख्या महाराष्ट्र की मतदाता सूची में जुड़ गई, यानी हिमाचल प्रदेश की पूरी जनसंख्या महाराष्ट्र की मतदाता सूची में जुड़ गई थी। लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बीच में जादू से करीब 70 लाख नए मतदाता आ गए।”
राहुल गांधी ने आगे कहा, ”हम चुनाव आयोग से मांग कर रहे हैं कि कृपया हमें लोकसभा के सभी मतदाताओं और विधानसभा के सभी मतदाताओं के नाम, पते और मतदान केंद्र बताएं, जिससे हम यह जान सके कि ये नए मतदाता कौन हैं। दिलचस्प बात यह है कि नए मतदाता ज्यादातर उन निर्वाचन क्षेत्रों में हैं जहां बीजेपी ने जीत हासिल की है। मैं अभी भी कोई आरोप नहीं लगा रहा हूं। मैं सदन के पटल पर कह रहा हूं कि चुनाव आयोग को डेटा देना चाहिए। मुझे पूरा भरोसा है कि चुनाव आयोग हमें यह जानकारी नहीं देगा…”
महाराष्ट्र चुनाव को लेकर कांग्रेस नेता के भाषण पर शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने कहा, ‘राहुल गांधी की बातों को गंभीरता से नहीं लेनी चाहिए, उन्होंने फिर से सदन को गुमराह करने का काम किया है। अगर उनके पास महाराष्ट्र चुनाव में धांधली को लेकर दस्तावेज हैं तो उन्हें देना चाहिए। उन्हें अपने आरोपों को साबित करने के लिए सबूत स्पीकर के सामने पेश करने चाहिए… मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि अगर वह ऐसा नहीं कर सकते है तो फिर से देश के सामने माफी मांगें।”
बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में महायुति को 288 में से 235 सीटों पर जीत मिली। अकेले बीजेपी को 132 सीटों पर परचम लहराया। महाराष्ट्र में बीजेपी की यह सबसे बड़ी जीत है। शिवसेना को 57 और अजित पवार की एनसीपी को 41 सीटों पर जीत हासिल हुई। एमवीए में शिवसेना यूबीटी महज 20 सीटें ही जीत पाई। इसके अलावा, कांग्रेस को 16 और शरद पवार की एनसीपी 10 सीटों पर सिमट गई। सपा ने भी यहां दो सीटें जीती।
वहीँ, विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में कांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार) और शिवसेना (उद्धव ठाकरे) वाले महाविकास आघाडी (MVA) ने 48 में से 30 सीट जीती। जबकि बीजेपी ने इस चुनाव में बेहद खराब प्रदर्शन किया और 2019 के 23 निर्वाचन क्षेत्रों के मुकाबले केवल 9 सीटें जीत सकी। जबकि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को 7 सीटें और अजित पवार की एनसीपी को सिर्फ एक सीट मिली।