मरीजों के लिए वरदान साबित होगी नई तकनीक
इस नई तकनीक की उपलब्धता के बारे में बात करते हुए विभागाध्यक्ष डॉ. एस. पी. मिश्रा ने बताया,“Spyglass और EHL तकनीक के आने से अब मरीजों को बड़ी सर्जरी की आवश्यकता नहीं होगी। यह प्रक्रिया कम जोखिम वाली है और मरीज जल्द ही स्वस्थ होकर घर जा सकता है। खासकर ऐसे मरीज जिनके कॉमन बाइल डक्ट में बड़ी पथरी बन जाती है, उन्हें अब बिना चीरे की आधुनिक सुविधा मिल सकेगी। यह तकनीक प्रयागराज और आसपास के मरीजों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।”
गैस्ट्रोएंटरोलॉजी में सुपर स्पेशलाइजेशन से खुलीं नई राहें
गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग में सुपर स्पेशलाइजेशन (डी.एम.) कोर्स करने का श्रेय डॉ. एस. पी. मिश्रा और डॉ. मनीषा द्विवेदी को जाता है, जिन्होंने वर्षों पहले अथक प्रयास कर यह उपलब्धि हासिल की थी। उनके प्रयासों से विभाग को उच्च स्तरीय शैक्षणिक मान्यता मिली और अब यहां से हर वर्ष 4 छात्र डी.एम. सुपर स्पेशलाइजेशन कर रहे हैं।Spyglass और EHL तकनीक से मरीजों को क्या लाभ होगा?
✅ बिना बड़े ऑपरेशन के इलाज संभव।✅ जटिल मामलों में भी सफलता की उच्च दर।
✅ मरीज का जल्दी ठीक होना और अस्पताल में कम समय बिताना।
इससे न केवल प्रयागराज बल्कि पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों के मरीजों को लाभ मिलेगा।