scriptप्रयागराज और कौशांबी के बीच 13 गांवों की अदला-बदली, 32 हजार लोगों का बदलेगा पता, मिलेगा बड़ा लाभ | Prayagraj kaushambi: Exchange of 13 villages between Prayagraj and Kaushambi, address of 32 thousand people will change, will get huge benefit | Patrika News
प्रयागराज

प्रयागराज और कौशांबी के बीच 13 गांवों की अदला-बदली, 32 हजार लोगों का बदलेगा पता, मिलेगा बड़ा लाभ

प्रयागराज और कौशांबी जिलों के बीच सीमा से लगे 13 गांवों की अदला-बदली की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने जा रही है। इस प्रशासनिक बदलाव के तहत कौशांबी के 11 गांव प्रयागराज में शामिल किए जाएंगे, जबकि प्रयागराज के दो गांव कौशांबी जिले का हिस्सा बनेंगे। इस निर्णय से दोनों जिलों के करीब 32,000 निवासियों का पता और प्रशासनिक पहचान बदल जाएगी।

प्रयागराजJun 25, 2025 / 07:07 am

Krishna Rai

Prayagraj kaushambi: इस प्रक्रिया के पीछे मुख्य उद्देश्य “पॉकेट विलेज” यानी ऐसे गांवों को राहत देना है, जो भौगोलिक रूप से एक जिले में होने के बावजूद प्रशासनिक रूप से दूसरे जिले में आते हैं। इससे स्थानीय लोगों को अपने ब्लॉक, थाना और तहसील तक पहुँचने में काफी कठिनाई होती है। अब इस सीमा पुनर्गठन से ग्रामीणों को नजदीकी प्रशासनिक केंद्रों से जुड़ने में सहूलियत होगी।
कौन-कहां शामिल होगा:

कौशांबी के 11 गांव प्रयागराज में शामिल होंगे, जिससे लगभग 24,000 लोग प्रयागराजवासी कहलाएंगे।

प्रयागराज के दो गांव कौशांबी में शामिल होंगे, जिससे लगभग 6,000 लोग कौशांबी जिले के नागरिक बन जाएंगे।
अदला-बदली के बाद गांवों की कुल संख्या:

प्रयागराज: 1540 से बढ़कर 1549 गांव

कौशांबी: 451 से घटकर 442 गांव

क्यों जरूरी है यह बदलाव?

सीमा पर स्थित कई गांवों की भौगोलिक स्थिति उलझी हुई है। उदाहरण के लिए, प्रयागराज के चक चंद्रसेन और उजिहिनी आईमा गांवों के चारों ओर कौशांबी के गांव बसे हैं। इन गांवों के लोगों को रोज़मर्रा की आवाजाही, सरकारी योजनाओं और चुनावी प्रक्रिया में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
उधर, कौशांबी के 11 गांव यमुना नदी के कछार और उपरहार क्षेत्र में स्थित हैं, जिनके चारों ओर प्रयागराज के गांव फैले हैं। इन गांवों से कौशांबी के ब्लॉक और तहसील मुख्यालय दूर पड़ते हैं, जबकि प्रयागराज के प्रशासनिक केंद्र पास हैं। इसी वजह से इन्हें प्रयागराज में शामिल करने का प्रस्ताव बनाया गया है।
क्या है अगला कदम?

उत्तर प्रदेश शासन ने इस प्रस्ताव पर कार्यवाही के लिए दो विशेष सचिवों को जिम्मेदारी सौंपी है, जो जल्द ही लखनऊ में मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत और दोनों जिलों के डीएम के साथ बैठक करेंगे। बैठक के बाद अंतिम मुहर लगाई जाएगी और राजस्व अभिलेखों में परिवर्तन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
क्या होगा फायदा?

मंडलायुक्त के अनुसार, इन पॉकेट विलेज के स्थानांतरण से ग्रामीणों की लगभग 50% प्रशासनिक समस्याएं स्वतः समाप्त हो जाएंगी, क्योंकि अब उन्हें अपने ब्लॉक, थाना और तहसील मुख्यालय तक पहुंचने के लिए लंबी दूरी नहीं तय करनी पड़ेगी।
पॉकेट विलेज क्या हैं?

राजस्व विभाग के अनुसार, पॉकेट विलेज वे गांव हैं जो भौगोलिक रूप से एक जिले के भीतर हैं लेकिन प्रशासनिक नियंत्रण दूसरे जिले का है। इन गांवों के चारों ओर दूसरे जिले की सीमाएं होती हैं, जिससे वे प्रशासनिक रूप से ‘जेब में फंसे’ हुए प्रतीत होते हैं। अब इनकी स्थिति सुधारी जा रही है।

Hindi News / Prayagraj / प्रयागराज और कौशांबी के बीच 13 गांवों की अदला-बदली, 32 हजार लोगों का बदलेगा पता, मिलेगा बड़ा लाभ

ट्रेंडिंग वीडियो