यह हाइड्रोसील 6.8×2 सेमी का था, जो महिला शिशुओं में बहुत ही दुर्लभ है। डॉ. संजय कुमार ने कहा कि ऐसे मामले बहुत कम देखे जाते हैं और कई सर्जनों ने ऐसे मामलों को नहीं देखा है। उपलब्ध शोध के अनुसार, Canal of nuck का हाइड्रोसील, जिसे महिला हाइड्रोसील भी कहा जाता है, एक बहुत ही दुर्लभ स्थिति है, जिसमें अध्ययनों में 12 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों में लगभग 0.74% से 0.76% की प्रवृत्ति की होती है, जिसका अर्थ है कि यह महिला आबादी के बहुत छोटे प्रतिशत को प्रभावित करता है; अधिकांश मामले बच्चों में देखे जाते हैं और वयस्कों में असामान्य माने जाते हैं।डॉ. संजय ने कहा कि इस दुर्लभ मामले की रिपोर्ट को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा पत्रिकाओं में प्रकाशित करने के लिए भेजा जाएगा।
इस ऑपरेशन की सफलता से रितिका के परिवार को बहुत राहत मिली है। डॉ. संजय कुमार और उनकी टीम को इस सफल ऑपरेशन के लिए चिकत्सा निदेसक डॉ संजीव कुमार हन्डू ने बधाई दी I
इस ऑपरेशन में वरिष्ट निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ अलोक यादव, डॉ प्रगति पाण्डेय और मंजू देवी सोनकर मुख्य नर्सिंग अधीक्षक , नर्सिंग अधीक्षक प्रीती , नर्सिंग अधीक्षक हरीश कुमार शर्मा,ड्रेसर अमित शुक्ला , हॉस्पिटल असिस्टेंट रेखा सिंह, मूल चन्द , राजेंद्र कुमार तिवारी व रोमेश कुमार आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई I