यह नई व्यवस्था वर्ष 2025 या उसके बाद आयोजित PET परीक्षा से लागू होगी। इसका मतलब यह है कि 2025 में या बाद में PET देने वाले अभ्यर्थियों का स्कोर तीन साल तक वैध रहेगा।
विशेष सचिव कार्मिक कुलदीप रस्तोगी ने इस संबंध में नया शासनादेश जारी कर दिया है। इसके तहत 20 नवंबर 2020 को जारी पुराने आदेश को संशोधित किया गया है। पहले PET का स्कोर केवल एक वर्ष के लिए मान्य होता था, जिससे अभ्यर्थियों को हर साल परीक्षा देनी पड़ती थी।
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) ने समूह ‘ग’ के पदों के लिए दो-स्तरीय चयन प्रणाली लागू की है, जिसमें PET परीक्षा पहली सीढ़ी होती है। PET में प्राप्त अंकों के आधार पर ही अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा या अगले चरण के लिए शॉर्टलिस्ट किया जाता है।
UPSSSC की सिफारिश पर कार्मिक विभाग ने तीन वर्ष की वैधता का प्रस्ताव मंजूर कर लिया है। इससे न केवल अभ्यर्थियों का समय और धन बचेगा, बल्कि भर्ती प्रक्रियाओं में भी पारदर्शिता और स्थिरता आएगी।
सरकार का यह कदम PET अभ्यर्थियों के लिए निश्चय ही बड़ी राहत लेकर आया है। इससे उन्हें बार-बार परीक्षा की तैयारी के दबाव से मुक्ति मिलेगी और वे लंबी अवधि तक भर्तियों में भाग ले सकेंगे।