CG Election 2025: पार्षद प्रत्याशी भी लगे अपने-अपने गुणा भाग में
वार्डों के
पार्षद प्रत्याशी भी अपने-अपने जीत-हार के गुणाभाग में लगे हुए हैं। वार्ड के एक-एक मोहल्ले से अपने एजेंटों से रिपोर्ट ले रहे हैं कि कितने लोगों ने वोट डाला है और किसे वोट दिए होंगे।
इसकी अंदरुनी जानकारी ले रहे हैं, ताकि पता चल सके कि वे जीत रहे हैं या हार रहे हैं। जहां निर्दलीय प्रत्याशी जो पार्टी से बागी होकर चुनाव लड़ रहे थे, वे अपनी ही पार्टी के प्रत्याशी के लिए चुनौती बने हुए थे, वे भी अपनी जीत और हार को लेकर मंथन करने में लगे हुए हैं। किस बूथ से उन्हें कितना वोट मिल सकता है।
बूथ अध्यक्ष से लेकर जिला अध्यक्षों से ली जा रही रिपोर्ट
महापौर और अध्यक्ष प्रत्याशियों के जीत-हार को लेकर दोनों ही पार्टी भाजपा और
कांग्रेस संगठन के बड़े नेताओं द्वारा बूथ अध्यक्षों से लेकर जिला अध्यक्षों से रिपोर्ट ली जा रही है। वहीं, महिला वोट कम पड़ने पर भी इसकी समीक्षा की जा रही है। मतदान करने में महिला वोटर्स की संया इस बार कम रही।
जहां मेयर के दोनों महिला प्रत्याशी, वहीं वोट प्रतिशत कम
जिन नगर निगमों में महापौर के महिला प्रत्याशी थे। वहीं, महिला वोटर्स का प्रतिशत पुरुष की तुलना में कम है। रायपुर नगर निगम की बात करें तो यहां भाजपा-कांग्रेस के
महापौर प्रत्याशी महिला थी, लेकिन यहां पुरुष वोटर्स का प्रतिशत 53.27 और महिला वोटर्स का प्रतिशत 52.26 प्रतिशत रहा।
10 दिनों की थकान मिटाने परिवार के साथ ठहाके
इसी तरह दुर्ग
नगर निगम में मेयर के महिला प्रत्याशी थे, यहां भी महिलाओं का वोट प्रतिशत पुरुष की तुलना में कम है। यहां पुरुष वोटर्स को वोट प्रतिशत 78.79 प्रतिशत और महिला वोटर्स का वोट प्रतिशत 67.48 प्रतिशत है। इसी तरह से अन्य बड़े निकायों में भी इस बार महिलाओं का वोट प्रतिशत पुरुष की तुलना में कम रहा।
दस दिनों तक महापौर प्रत्याशी धुंआधार प्रचार में जुटी रहीं। मतदान के बाद पार्टी नेताओं के साथ ही घर-परिवार में भी चर्चा में समय बीत रहा है। दस दिनों की चुनावी थकान मिटाने के लिए बुधवार को महापौर प्रत्याशी मीनल चौबे अपने परिवार के बीच मशगूल रहीं। नतीजों के आंकड़ों पर भी रायशुमारी चलती रही। इसी तरह दीप्ति प्रमोद दुबे ने भी अपने परिवार के साथ समय बिताया।
जहां मेयर की महिला प्रत्याशी, वहीं महिलाओं का वोट प्रतिशत कम
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा, निकाय चुनाव में मतदान के बाद जो तस्वीर साफ हुई उससे यह स्पष्ट हो गया कि कांग्रेस अधिकांश निकायों में जीतेगी। प्रदेश में
भाजपा की सरकार के खिलाफ वातारण है। लोग प्रदेश की बिगड़ चुकी कानून व्यवस्था, रोज हो रही हत्याओं, बलात्कार, लूट, चाकूबाजी की घटनाओं के कारण सरकार से निराश है। भाजपा की साय सरकार ने अपने एक वर्ष के कार्यकाल में जनता को निराश किया है, इसीलिए जनता ने भाजपा के खिलाफ मतदान किया है।
बैज ने कहा, यह स्थानीय
निकाय चुनाव भाजपा सरकार की नाकामी और वादाखिलाफी पर लड़ा गया। पिछले एक साल में भाजपा की साय सरकार जनता की उमीदों पर विफल साबित हो चुकी है। राज्य में भ्रष्टाचार और कुशासन का दौर हावी है। साय सरकार के एक साल में विष्णु का सुशासन तो दूर विष्णु की सरकार कहीं नहीं दिख रही। जनता की नाराजगी इन चुनावों में भाजपा की हार का कारण बनेगी।