CG Land Rates: राजस्व विभाग ने तय नहीं की गाइडलाइन दर
जिले में अंतिम बार वर्ष 2019-2020 में जमीनों की गाइडलाइन दर तय हुई थी। इसके बाद से अब तक नई गाइडलाइन दर नहीं आई है। लगातार चौथा साल है, जब
राजस्व विभाग ने गाइडलाइन दर तय नहीं की है। वर्तमान में वर्ष 2019-2020 में तय रेट में ही रजिस्ट्री हो रही है। अलग-अलग वार्डों में शामिल इलाके के अलग-अलग गाइडलाइन दर तय की गई थी।
जैसे वीर सावरकर नगर वार्ड में मुख्य मार्ग से लगी जमीनों की गाइडलाइन दर प्रति वर्ग मीटर में 10500 से 15400 रुपए, रामकृष्ण परमहंस वार्ड में 9500 से 34000 रुपए, संत कबीर दास वार्ड में 9800 से 12250 रुपए, यतीयतन लाल वार्ड में 9800 से 31500 रुपए, बंजारीमाता वार्ड में 28000 से 37100 रुपए, वीरांगना अवंतिबाई वार्ड में 6650 रुपए, वीर शिवाजी वार्ड में 8400 से 21400 रुपए निर्धारित थे।
अवैध प्लॉट सस्ते
शहर में अवैध प्लाटिंग भी जमकर हो रही है। सभी दिशा में अवैध प्लाटिंग करके बेचा जा रहा है। यह बिल्डरों के प्लाट से काफी सस्ते हैं। जहां बिल्डरों के विकसित प्लाट 5000 वर्गफीट में है, तो अवैध प्लाट 1000 से 1500 वर्गफीट में मिल रहा है। जमीन कारोबारियों का कहना है कि रेट अधिक होने से खरीदी-बिक्री पर असर पड़ा है। जमीन की गाइडलाइन दर कम होने से ब्लैकमनी वालों को ज्यादा फायदा मिलता है। वे जमीनों में ज्यादा पैसा लगाते हैं। गाइडलाइन दर कम रहने से उन्हें रजिस्ट्री शुल्क कम पड़ता है। विनोज कोचे, जिला पंजीयक, रायपुर: नई गाइडलाइन दर को लेकर अभी कोई निर्देश नहीं आया है। वर्तमान में प्रचलित दरों पर रजिस्ट्री की जा रही है।
कीमतें गाइडलाइन दर से दो गुना-तीन गुना हो गई
अधिकांश बिल्डर विकसित प्लाट के नाम पर अधिक कीमत में जमीनें बेच रहे हैं। इनकी कीमतें गाइडलाइन दर से दो गुना-तीन गुना हो गई हैं। मोवा से लेकर
विधानसभा रोड, टिकरापारा से धमतरी रोड, माना रोड, अमलेश्वर रोड, भाठागांव, अभनपुर रोड, कचना, अमलीडीह आदि इलाकों में 5 से 7 हजार वर्गफीट तक कीमतें पहुंच गई हैं। कमल विहार में भी 487 रुपए से लेकर 2300 रुपए वर्गफीट से अधिक गाइडलाइन दर थी, जो वर्तमान में 3 हजार प्रति वर्गफीट तक पहुंच गई है।
नई गाइडलाइन दर लागू करने की तैयारी
CG Land Rates: इसे पहले शासन ने वर्ष 2018-19 में गाइडलाइन दरें घटा दी थीं। इसके बाद वर्ष 2019-20 में इसी को लागू किया गया। ये आज तक चल रही हैं। वर्ष 2025 में नई गाइडलाइन दर लागू करने की तैयारी भी पूरी हो गई है। इसे जुलाई माह से लागू करना था, लेकिन अब तक नहीं हो पाया है।