इस बार
नगर निगम चुनाव में भाजपा को मिली ऐतिहासिक जीत से यह समीकरण साफ है कि सभापति का चुनाव नहीं होगा। बल्कि सर्वसम्मति की स्थिति बन रही है। क्योंकि विपक्षी और निर्दलीय उम्मीदवार उतारने की स्थिति में नहीं हैं। भाजपा के 61 पार्षदों का भारी बहुत निगम के सदन में है। वहीं कांग्रेस के 7 और दो निर्दलीय समेत कुल 9 पार्षद ही निगम के सदन में पहुंचे हैं। ऐसे में विपक्षी खेमा किसी पार्षद को सभापति प्रत्याशी बना सकता है, लेकिन उसके मायने नहीं हैं।
CG Nagar Nigam: दो-तीन नामों पर किया विचार
पर्यवेक्षक धरमलाल कौशिक की अध्यक्षता में विगत दिनों हुई बैठक में वैसे तो सभी पार्षदों ने पार्टी के निर्णय को सर्वमान्य किया है। पार्टी नेताओं के बीच दो-तीनों नामों पर चर्चा हुई। इनमें से पांच बार के पार्षद और निगम में नेता प्रतिपक्ष रहे सूर्यकांत राठौर के नाम पर सर्वसम्मति के संकेत हैं। डीडीनगर वार्ड के पार्षद आशु चंद्रवंशी के नाम की भी चर्चा है, लेकिन मतदान की स्थिति नहीं बनेगी।