ऐप में लोगों को दवाओं की जानकारी के साथ ही
इमरजेंसी में क्या करें, क्या न करें, नजदीक कौन से हॉस्पिटल में किस तरह की कौन सी इमरजेंसी सुविधा उपलब्ध है, जैसी जानकारी भी मिलेगी। ऐप लोगों को गलत-सही दवाओं की जानकारी भी देगा।
CG News: अब लोगों को भटकने की जरूरत नहीं
अलीशेर राईन ने बताया कि ऐप में शहर के सभी मेडिकल स्टोर को स्टॉकिस्ट और फार्मा कंपनियों से जोड़ा जा रहा है। इसका फायदा मेडिकल स्टोर्स को मिलेगा कि अब उन्हें भटकने की जरूरत नहीं है। बस दवाई या कंपनी का नाम डालते ही पता चल जाएगा कि किस स्टॉकिस्ट के पास कौन सा प्रोडक्ट उपलब्ध है। साथ ही आम लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा। ऐप में सर्च करने पर जानकारी मिल जाएगी कि दवा किस मेडिकल शॉप में उपलब्ध है। ऐप में शहर के सभी डॉक्टरों को भी जोड़ा जा रहा है, जिससे यदि किसी व्यक्ति को किसी डॉक्टर की जरूरत हो तो वह ऐप में देखकर जान सकता है कि किस डॉक्टर का कितना अनुभव है और उनकी योग्यता क्या है।
तुरंत इलाज में मिलेगी मदद
अगर किसी घटना के दौरान किसी व्यक्ति को तुरंत इलाज की जरूरत हो तो ऐप में यह देखा जा सकता है कि नजदीकी हॉस्पिटल में इमरजेंसी सुविधाएं उपलब्ध हैं या नहीं। इससे लोगों की जान बचाई जा सकेगी क्योंकि कई हॉस्पिटलों में इमरजेंसी सुविधाएं नहीं होतीं, जिससे मरीज को समय पर इलाज नहीं मिल पाता।
साथ ही, विल्की मेडिकार्ट को एक ‘वन-स्टॉप फार्मा सॉल्यूशन’ के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिससे पीसीडी फार्मा कंपनियों, होलसेलर्स और रिटेलर्स को भी लाभ मिलेगा। ऐप फार्मा बिजनेस को डिजिटल रूप से आगे बढ़ाने में मदद करेगा।
नशीली दवाओं पर लगाई जा सकेगी रोक
CG News: उन्होंने बताया कि ऐप के माध्यम से जब कोई रिटेलर दवा की खरीदारी करेगा तो उसकी जानकारी डेटा में सुरक्षित रहेगी, जिससे पारदर्शिता बनी रहेगी और नकली व नशीली दवाओं पर रोक लगाई जा सकेगी। जरूरत पड़ने पर इसकी जानकारी प्रशासन से भी साझा की जा सकेगी। अभी तक ऐप से जुड़ने के लिए 550 से अधिक पीसीडी कंपनियों के अनुरोध आ चुके हैं, लेकिन अभी हमने सिर्फ 42 कंपनियों को जोड़ा है। सभी कंपनियों के ड्रग और
फूड सर्टिफिकेट की जांच करने के बाद ही उन्हें ऐप में शामिल किया जा रहा है, ताकि कोई भी फर्जी कंपनी इसमें न आ सके।