CG News: ऐसे मिलेंगे दुधारू पशु
- हितग्राही को डेयरी सहकारी समिति की सदस्य होनी चाहिए या दूध समिति में शामिल होने और नियमित रूप से दूध प्रदान करने के लिए सहमत होगी।
- पशु आवास सुविधा (कच्चा या पक्का) लाभार्थी के घर में उपलब्ध होनी चाहिए।
- किसी भी बैंक या स्थानीय सोसायटी में 90 दिनों से अधिक ऋण बकाया नहीं होनी चाहिए।
- पशुपालन का बुनियादी ज्ञान होना चाहिए या पशु प्रेरण से पहले प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए सहमत होना होगा।
- केवल अनुसूचित जनजाति महिला ही योजना की पात्र होंगी।
- दुग्ध महासंघ की डेयरी सहकारी समितियों के बाहर दूध नहीं देंगे।
जिले अनुसार परिवार
जशपुर-50
बलरामपुर- 50 कांकेर- 75 कोंडागांव-50 महासमुंद- 50 बिलाईगढ़-सारंगढ़- 50
केदार कश्यप, सहकारिता मंत्री: राज्य सरकार सहकारिता को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रही है। 750 नवीन दुग्ध, मत्स्य तथा वनोपज समितियों का गठन किया जा चुका है। एक लाख किसानों का कोआपरेटिव बैंकों में नवीन खाता खोला गया है। दुधारू पशुओं को देने से किसान आर्थिक रूप से भी सक्षम होंगे।
दुधारू पशु के अलावा राज्य शासन से शत प्रतिशत अनुदान पर आदिवासी किसानों को नि:शुल्क एक वर्ष तक ’’हैंडहोल्डिंग’’ सेवाएं भी मिलेगी। इसमें एक वर्ष के लिए बीमा, पशु निगरानी उपकरण, पशु आहार (पशु चारे, खनिज मिश्रण, साइलेज/ चारा) एवं प्रशिक्षण शामिल रहेगा। यह योजना दुग्ध महासंघ द्वारा क्रियान्वित की जाएगी, जिसके लिए राज्य सरकार ने 7.62 करोड़ रुपए का अनुदान दिया है।
सरकार देगी अनुदान
CG News: योजना के तहत कुल 325 आदिवासी परिवारों को 650 दुधारू पशु दिए जाएंगे। चयनित परिवार अपनी पसंद से गाय या बकरी खरीद सकते हैं। इसके लिए राज्य सरकार पशु मूल्य का 50 प्रतिशत अनुदान देगी। जबकि लाभार्थी को केवल 10 प्रतिशत योगदान देगा। शेष 40 प्रतिशत बैंक ऋण के रूप में अंशदान होगा, जिसकी किस्त
दूध के बिल से समायोजित की जाएगी।
दूध उत्पादन बढ़ाने एमओयू भी किया
राज्य सरकार दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसके लिए राज्य सहकारी दुग्ध महासंघ मर्यादित, उरला और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड, गुजरात के साथ 16 दिसम्बर 2024 को एमओयू भी किया गया है। इसके बाद दुधारू पशु देने की योजना बनाई गई है।