CG News: फसल को नुकसान
किसान दीपक कुमार बताते हैं कि उन्होंने हार्वेस्टर से कटाई, किराए की ट्रैक्टर से जुताई, खरीदे गए
बीज, पानी-खाद, कीटनाशक दवाओं पर अच्छा-खासा खर्च किया। इस साल तना छेदक और भूरा माहू ने फसल को नुकसान पहुंचाया। बावजूद इसके धान की कीमत 1650 रुपए क्विंटल ही मिली रही है। लागत नहीं निकल रही। ऊपर से उधारी चुकाने का दबाव है।
किसान दीनदयाल, संतोष, विष्णु, मदन और गोपाल बताते हैं कि दिनभर धान को सूखाने और समेटने में लगे रहते हैं। बादल आते ही धान समेटना पड़ता है। अगर मजदूरी के हिसाब से गणना करें तो वे हजारों रुपए की अतिरिक्त मेहनत कर रहे हैं।
मौसम ने बढ़ा दी है चिंता, पॉलिथीन व तिरपाल की डिमांड
बदलते मौसम और बारिश की आशंका से किसान उपज को तिरपाल और पॉलिथीन से ढक रहे हैं। इससे उनकी जेब और ढीली हो रही है। वॉटरप्रूफ तिरपाल और झिल्ली की मांग बढ़ गई है। राजिम मंडी में कई चबूतरों पर टीन शेड नहीं है। किसान खुले चबूतरे में धान सुखाते हैं, लेकिन बोली के लिए उन्हें शेड वाले चबूतरे तक धान उठाकर ले जाना पड़ता है।
मंडी में सुरक्षा नहीं, छुट्टा पशु पहुंचा रहे हैं भारी नुकसान
CG News: फिंगेश्वर रोड स्थित कृषि उपज मंडी चारदीवारी से घिरी है। फिर भी आवारा पशु अंदर घुसकर धान खा रहे हैं। किसान भरोसे से अपना
धान सुखाने के लिए छोड़ देते हैं, लेकिन वापस लौटने पर पता चलता है कि पशु धान चट कर गए। मंडी प्रशासन ने पशु भगाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि चौराहे किनारे भी यही हाल है।
मंगलवार को अधिकतम 1900 रुपए की बोली
मंगलवार को मंडी में अधिकतम बोली 1900 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंची। किसानों का कहना है कि जो मेहनत उन्होंने की है, उसके बदले में जो कीमत मिल रही है। चाहकर भी धान को रोक नहीं सकते क्योंकि उन्हें खेत के कामों और घर की उधारी चुकानी है। मजबूरी में जो कीमत मिल रही है, उसी में धान बेचना पड़ रहा है।