CG News: प्रदेश संयोजक मंडल ने दी चेतावनी
साझा मंच के प्रदेश संचालक संजय शर्मा, मनीष मिश्रा, केदार जैन, वीरेंद्र दुबे, विकास राजपूत व जाकेश साहू का कहना है कि शिक्षिका सोना साहू की तर्ज पर एरियर्स राशि समेत क्रमोन्नति वेतनमान, प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना कर पुरानी पेंशन बहाली का संपूर्ण लाभ, पदोन्नति में डीएड को भी मान्य किए जाने और वर्तमान में हुए
युक्तयुक्तिकरण रद्द कर 2008 का सेटअप लागू करने की मांग को लेकर प्रदेशभर के शिक्षकों ने सड़कों पर उतरकर हड़ताल किया।
साझा मंच के प्रदेश संयोजक मंडल ने चेतावनी दी है कि सरकार उनकी मांगों को और हड़ताल को सरकार जल्द फैसला ले, अन्यथा प्रदेशभर के स्कूलों में तालाबंदी कर सभी शिक्षक अनिश्चितकालीन आंदोलन में चले जाएंगे, जिनकी संपूर्ण जिमेदारी राज्य सरकार की होगी।
हर माह 15 से 20 हजार का आर्थिक नुकसान
प्रदेश संचालक कृष्णकुमार नवरंग एवं राजनारायण द्विवेदी ने बताया कि उच्च न्यायालय बिलासपुर के आदेशानुसार शिक्षिका सोना साहू को प्रथम नियुक्ति तिथि से क्रमोन्नति वेतनमान दिया जा रहा है। साथ ही उन्हें पूरी एरियर्स राशि का भुगतान भी कर दिय गया है, लेकिन प्रदेश के समस्त पात्र शिक्षकों को क्रमोन्नति वेतनमान देने का जनरल ऑर्डर नहीं दिया जा रहा है। इससे प्रदेश के 1 लाख से अधिक शिक्षक प्रभावित हैं और उन्हें आर्थिक रूप से हर माह 15 से 20 हजार रुपए का एक बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा है। संगठन की मांग है कि सरकार सभी शिक्षकों को क्रमोन्नति वेतनमान देने का जनरल ऑर्डर जारी करे।
प्रथम नियुक्ति से सेवागणना की जाए
CG News: प्रदेश संचालकों ने कहा है कि शिक्षकों की नियुक्ति 1995 एवं 1998 से हुई है, लेकिन प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना न कर संविलियन तिथि 2018 से की जा रही है। इससे शिक्षकों को बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा है। शिक्षक साझा मंच की मांग है कि शिक्षकों की प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवागणना कर पुरानी पेंशन बहाली सहित समस्त लाभ दिया जाए। वहीं, डीएड योग्यताधारी शिक्षकों को भी व्यायाता एवं प्राचार्य के पदों पर पदोन्नति दी जाए। अपनी मांगों को लेकर प्रदेश के 23
शिक्षक संगठन इस बार एक मंच पर आकर शिक्षक साझा मंच बनाए हैं और आंदोलन का ऐलान किया है। प्रदेश के एक लाख अस्सी हजार शिक्षक विभिन्न मांगों को लेकर इस बार हड़ताल पर हैं। इससे पहले 15 से 30 जून तक काली पट्टी लगाकर स्कूल भी जाते रहे व शासन को विरोध जताते रहे।