जानकारी के अनुसार, वायरल रील में एक छात्र और छात्रा के बीच प्रेम संबंध को दर्शाया गया है, जो विद्यालय जैसी शिक्षा स्थल की गरिमा के विरुद्ध मानी जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि इस प्रकार की गतिविधियां शिक्षा के मंदिर का अपमान हैं और इससे विद्यार्थियों में गलत संदेश जाता है। गांव में आक्रोश फैलने के बाद स्कूल प्रशासन और विद्यालय प्रबंधन समिति ने मामले को गंभीरता से लिया और रील बनाने वाले युवाओं को विद्यालय बुलाकर फटकार लगाई।
विद्यालय के प्राचार्य हरिशंकर साहू ने बताया कि यह रील रविवार को शूट की गई, जब विद्यालय में प्लंबिंग का कार्य चल रहा था, जिसके कारण भवन खुला हुआ था। इसी दौरान कुछ युवाओं ने विद्यालय परिसर में घुसकर रील बना डाली। प्राचार्य ने बताया कि युवाओं को बुलाकर सामूहिक रूप से माफी मंगवाई गई और उनसे लिखित माफीनामा भी लिया गया है। साथ ही उन्हें भविष्य में इस प्रकार की कोई भी हरकत न दोहराने की सख्त चेतावनी दी गई है।
विद्यालय प्रबंधन समिति ने इस घटना को शैक्षणिक अनुशासन के विरुद्ध बताते हुए कहा है कि आगे यदि कोई भी व्यक्ति बिना अनुमति विद्यालय परिसर में घुसपैठ करता है या सामाजिक मर्यादाओं के विरुद्ध कार्य करता है, तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाए।