मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में लिखा है कि प्रदेश को शत-प्रतिशत साक्षर बनाने का लक्ष्य चुनौतीपूर्ण अवश्य है, परंतु यह असंभव नहीं है। उन्होंने कहा कि ‘‘असंभव को संभव’’ बनाने के लिए समाज के हर वर्ग को मिलकर सार्थक प्रयास करने होंगे। इसके लिए सबसे पहले यह जरूरी है कि कोई भी बच्चा विद्यालय से वंचित न रहे और सभी बच्चों का समय पर प्रवेश हो।
मुख्यमंत्री ने लिखा है, राज्य में शिक्षा का अधिकार अधिनियम प्रभावशील है तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत यह तय किया गया है कि कक्षा 12वीं तक शाला त्याग दर को धीरे-धीरे शून्य किया जाए।
मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान की भी होगी शुरुआत
मुख्यमंत्री साय ने जानकारी दी कि राज्य सरकार द्वारा ‘‘मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान’’ की शुरुआत की जा रही है। इसका उद्देश्य शासकीय विद्यालयों में शैक्षणिक गुणवत्ता को सुधारना है। इसके साथ ही सरकार द्वारा शिक्षकों एवं विद्यालयों का युक्तियुक्तकरण करते हुए शिक्षकविहीन और एकल शिक्षकीय विद्यालयों में शिक्षकों की प्राथमिकता से पदस्थापना की गई है, जिससे शिक्षा का अधिकार हर बच्चे तक पहुंच सके।
उन्होंने आशा जताई कि सभी जनप्रतिनिधि इस अभियान का नेतृत्व कर सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करेंगे और छत्तीसगढ़ को एक शिक्षित, सशक्त और आत्मनिर्भर राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। गर्मी को देखते हुए ये रह सकता है स्कूल का समय
बढ़ती गर्मी को ध्यान में रखते हुए राज्य के सभी स्कूलों के संचालन समय में बदलाव किया गया है। अब प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और हायर सेकेंडरी स्कूलों का संचालन सुबह 7 बजे से 11 बजे तक किया जाएगा। वहीं दो पालियों में चलने वाले स्कूलों (CG School News) में हायर सेकेंडरी की कक्षाएं सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक चलेंगी। हालांकि मानसून के आगमन के बाद या परिस्थितियों में बदलाव के अनुसार, समय में पुनः संशोधन किया जा सकता है। आमतौर पर सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे या 3 बजे तक ज्यादा संभावना है।