कभी इस अधिकारी के के चक्कर तो कभी उस अधिकारी के चक्कर में पिसते रहते हैं। पिछले साल हुई बेमौसम बरसात में खराब हुई फसल का मुआवजा कई जिलों के किसानों को अभी तक नहीं मिला है। जानकारी के अनुसार प्रदेशभर के करीब 15 से 20 हजार से अधिक किसानों का मुआवजा अटका हुआ है। यह राशि 70 करोड रुपए से अधिक है।
CG News: दुर्ग, बिलासपुर व रायपुर संभाग के किसान लगा रहे चक्कर
बता दें कि विधानसभा में बजट सत्र के दौरान भी किसानों के मुआवजे का मुद्दा उठा था। कई कांग्रेसी और भाजपा विधायकों ने भी राजस्व विभाग के मंत्री से लिखित में प्रश्न पूछे कि बेमौसम बरसात में खराब हुई फसलों का मुआवजा कितने किसानों को दिया गया है और कितने
किसानों का मुआवजा पेंडिंग हैं। इस पर राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने गोलमोल जवाब दिया था कि जिन किसानों की रिपोर्ट जिलों से आई थी, उनमें अधिकांश किसानों को मुआवजा दिया गया है। कुछ को मुआवजा देने की प्रक्रिया चल रही है।
सुशासन त्योहार में शिकायतें और मांगें सबसे अधिक इसी विभाग के
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग में सबसे अधिक आवेदन आए हैं। करीब 352759 आवेदन हैं। जो अन्य विभागों की तुलना में सबसे अधिक हैं। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग में जो शिकायतें आई हैं, उनमें अवैध अतिक्रमण, नामांकन, सीमांकन, मुआवजा व अन्य शामिल हैं। रिपोर्ट आने के बाद भी फाइल मंत्रालय में अटकी
बता दें कि पिछले हुई बेमौसम बरसात में खराब फसलों का आकलन कर जिलेवार रिपोर्ट शासन ने कलेक्टरों के माध्यम से मंगाई थी। जिलों से रिपोर्ट आने के बाद मंत्रालय में फाइल अटक गई। सबसे ज्यादा फाइलें वित्त विभाग में अटकी रहती हैं। बताया जाता है कि यहां भी
किसानों के मुआवजे की फाइलें लंबे समय से अटकी हुईं हैं।
इन जिलों के किसानों का मुआवजा अटका
दुर्ग, रायपुर, कवर्धा, बेमेतरा, बालोद, जांजगीर-चांपा, बिलासपुर,
राजनांदगांव, महासमुंद, धमतरी सहित अन्य जिलों के किसानों को बेमौसम बारिश से खराब हुई फसलों का मुआवजा पूरी तरह से नहीं मिला है।