वहीं कुछ अफसरों पर विभागीय जांच की जा रही है, लेकिन ये अभी कई मलाईदार पदों पर आसीन हैं। यह जानकारी विधानसभा में भाजपा विधायक राजेश मूणत द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अतारांकित प्रश्न के जवाब में लिखित में दिए हैं। विधायक मूणत ने सवाल पूछा था कि वर्ष 2019 से 16 दिसंबर 2024 तक कुल 27 आईएएस अफसरों तथा 24 आईएफएस अधिकारियों के खिलाफ विभिन्न विषयों में कुल 31 शिकायतें पंजीबद्ध कर जांच की जा रही है।
इन शिकायतों की जांच किस स्तर के अधिकारी कर रहे हैं, शिकायतों की जांच शीघ्र पूरा हो इसके लिए क्या निर्देश जारी किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने जवाब में कहा, शिकायतों की जांच शीघ्र पूर्ण हो इसके लिए ईओडब्ल्यू, एसीबी द्वारा जांच कर्ता अधिकारियों को समय-समय पर निर्देशित किए जा रहे हैं। प्रकरणों के अनुपात में साधनों की गंभीर कमी होने के बावजूद जांच त्वरित गति से की जा रही है।
आईएफएस: भ्रष्टाचार की जांच
केके खेलवार, गोवर्धन, एस वेंकटाचलम, आरके जांगड़े, आलोक तिवारी, उत्तम कुमार गुप्ता, अरुण पांडेय, पंकज राजपूत, एसके पैकरा, रमेश चंद्र दुग्गा, गुरुनाथन एन, समा फारुखी, चूरामिण सिंह, लक्ष्मण सिंह, विवेकानंद झा, जनकराम नायक, राकेश चतुर्वेदी, दिलेश्वर साहू, शशि कुमार, आलोक कटियार, कुमार निशांत शामिल हैं।
आईएएस इनके केस की जांच चल रही
राजेश कुमार टोप्पो, संजय अलंग, रानू साहू, समीर विश्नोई, डॉ. आलोक शुक्ला, अनिल टुटेजा, विवेक ढांड, निरंजन दास, कुलदीप शर्मा, सुरेंद्र कुमार जायसवाल, गौरव द्विवेदी, नरेंद्र कुमार दुग्गा, अशोक अग्रवाल, पुष्पा साहू, सुधाकर खलखो, राजेश सिंह राणा, डीडी सिंह, एस प्रकाश, अमृत कुमार खलखो, नुपुर राशि पन्ना, किरण कौशल, टी. राधाकृष्णन, संजीव कुमार झा, इफ्फत आरा, भुवनेश यादव, जीवन किशोर ध्रुव, टामन सिंह सोनवानी शामिल हैं।