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CG liquor Scam: शराब घोटाले में ईओडब्ल्यू की कार्रवाई, 19 लाख की नकदी समेत प्राॅपर्टी के दस्तावेज जब्त

CG liquor Scam: शराब घोेटाला करने सिंडीकेट बनाने और अवैध वसूली से अर्जित ब्लैकमनी लिये जाने के इनपुट मिले हैं। वहीं अपने नजदीकी लोगों, मित्रों, साझेदारों के पास सुरक्षित रखे जाने और निवेश करने की जानकारी मिली है।

रायपुरMay 18, 2025 / 08:19 am

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CG liquor Scam: शराब घोटाले में ईओडब्ल्यू की कार्रवाई, 19 लाख की नकदी समेत प्राॅपर्टी के दस्तावेज जब्त
CG liquor Scam: ईओडब्ल्यू ने 2161 करोड़ के शराब घोटाले में रायपुर,जगदलपुर, अंबिकापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा में 13 ठिकानों में एक साथ शनिवार को छापेमारी की। इसमें रायपुर में देवेन्द्र नगर और संतोषी नगर, अंबिकापुर में 3, जगदलपुर में 2, सुकमा में 5, दंतेवाडा़ स्थित 1 ठिकाना शामिल है। उक्त छापेमारी में देवेंद्र नगर में कंस्ट्रक्शन कारोबारी एवं कांग्रेस के कांग्रेस प्रत्याशी जी नागेश्वर राव और जी श्रीनिवास राव, संतोषी नगर में कमलेश नाहटा, दंतेवाड़ा में कांग्रेस नेता राजकुमार तामो, अंबिकापुर में कपड़ा कारोबारी अशोक अग्रवाल उसके भाई मुकेश अग्रवाल, सुकमा में योग आयोग के सदस्य राजेश नारा, जयदीप भदौरिया, हार्डवेयर कारोबारी अनीश बोथरा, शेख बशीर, अहमद बशीर, जगदलपुर में प्रेम मिगलानी के दफ्तर और घर शामिल हैं।
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पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, उनके पुत्र हरीश के करीबी दोस्त, कर्मचारी, कारोबारी, कांग्रेस नेता और ठेकेदार के ठिकाने भी शामिल हैं। तलाशी के दौरान 19 लाख नकदी, सहित लेनदेन, निवेश, प्राॅपर्टी के दस्तावेज, बैंक ट्रांजेक्शन और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद हुए है। इसमें शराब घोेटाला करने सिंडीकेट बनाने और अवैध वसूली से अर्जित ब्लैकमनी लिये जाने के इनपुट मिले हैं। वहीं अपने नजदीकी लोगों, मित्रों, साझेदारों के पास सुरक्षित रखे जाने और निवेश करने की जानकारी मिली है। इस समय 150 सदस्यीय टीम उक्त सभी लोगों के ठिकानों में दस्तावेजों की जांच करने के साथ ही पूछताछ कर बयान दर्ज कर रही है।
ब्लैकमनी से कारोबार

शराब घोटाले से अर्जित ब्लैकमनी को अपने करीबी लोगों के कारोबार और प्राॅपर्टी में निवेश करने की जानकारी मिली है। छापेमारी की जद में आने वालों के बैंकों में लाखों रुपए के ट्रांजेक्शन मिले है। सभी आपस में कारोबार की आड़ में ब्लैकमनी को व्हाइट करने की जानकारी मिली है। बताया जाता है कि पूर्व मंत्री कवासी का वाहन चालक बशीर भी इसमें शामिल था। रकम के हस्तांतरण से लेकर कैश ट्रांजेक्शन में उसकी भूमिका मिली है।
कारोबार में ब्लैकमनी

ईओडब्ल्यू के अधिकारियों का कहना है कि शराब घोटाले की रकम को ठिकाने लगाने कारोबारियों और करीबी लोगों का सहारा लिए जाने के इनपुट मिले हैं। इसे देखते हुए आय-व्यय, रकम के ट्रांजेक्शन और इसके श्रोत की जानकारी जुटाई जा रही है। कवासी लखमा का वाहन चालक भी काफी संपन्न बताया जाता है। इसी तरह योग आयोग के सदस्य राजेश नारा, जयदीप भदौरिया, हार्डवेयर व्यापारी अनीश बोथरा, शेख बशीर, अहमद बशीर के घर व दुकानों में फर्जीवाड़ा के दस्तावेजी साक्ष्य बरामद हुए हैं।
दो भाइयो पर शिकंजा

अंबिकापुर के ब्रह्मरोड स्थित सेठ बसंतलाल मार्ग में कपड़ा कारोबारी व सप्लायर फर्म के संचालक अशोक अग्रवाल व मुकेश अग्रवाल के ठिकानों को जांच के दायरे में लिया गया है। दोनों डीएमएफ मद से करोड़ रुपए की सप्लाई में बड़ा घोटाला करने का आरोप है। उनके खिलाफ डीएमएफ घोटाले में एफआईआर भी दर्ज है। इसके पूर्व ईडी की टीम कारोबारी भाइयों के घर छापेमारी कर चुके है।
नेटवर्क से जुड़े

शराब घोटाला उजागर होने के बाद भी छापेमारी की जद में आने वाले सभी आपसी नेटवर्क से जुडे़ हुए थे। इसके चलते उक्त लोगों के नाम उजागर नहीं हुए लेकिन, इलेक्ट्राॅनिक डिवाइस को डीकोडिंग करते ही शराब की ब्लैकमनी को सिंडीकेट बनाकर खपाने और लाभांवित होने की सनसनीखेज जानकारी मिली। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस घोटाले में और बड़े नाम सामने आ सकते हैं।

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