Liquor Scam: ईओडब्ल्यू की टीम दस्तावेजों और 19 लाख नकदी जब्त कर लौटी
यह 2019 के बाद खरीदने की जानकारी मिली है। उनके दस्तावेज जब्त कर जांच के लिए अपने कब्जे में लिया है। तलाशी पूरी होने के बाद शनिवार की देर रात ईओडब्ल्यू की टीम दस्तावेजों और 19 लाख नकदी जब्त कर लौटी। बताया जाता है कि कवासी लखमा के करीबी कांग्रेसी नेता जी. नागेश द्वारा पुरानी प्रॉपर्टी बेचकर नई प्रॉपर्टी खरीदी गई। इसी तरह कपडा़ कारोबारी, पेट्रोल पंप संचालक और पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा एवं उनके पुत्र हरीश के वाहन चालक सहित करीबी दोस्तों द्वारा अवैध वसूली की रकम को अपने कारोबार में खपाने के इनपुट मिले हैं। शराब घोटाले की रकम को हवाला के जरिए भेजे जाने की जानकारी मिली है। इस इनपुट के मिलने के बाद 25 से ज्यादा संदेहियों को जांच के दायरे में लिया गया है।
कवासी व हरीश के करीबी के यहां तलाशी
बता दें कि 17 मई को ईओडब्ल्यू ने रायपुर,जगदलपुर, अंबिकापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा में 13 ठिकानों में छापे मारे। यह कार्रवाई रायपुर में कंस्ट्रक्शन कारोबारी एवं कांग्रेस के कांग्रेस प्रत्याशी जी नागेश्वर राव और जी श्रीनिवास राव, कमलेश नाहटा, दंतेवाडा़ में राजकुमार तामो, अंबिकापुर में कपड़ा कारोबारी अशोक अग्रवाल उसके भाई मुकेश अग्रवाल, सुकमा में योग आयोग के सदस्य राजेश नारा, जयदीप भदौरिया, हार्डवेयर कारोबारी अनीश बोथरा, शेख बशीर, अहमद बशीर, जगदलपुर में प्रेम मिगलानी के दफ्तर और घर शामिल हैं। उक्त सभी कवासी लखमा और हरीश के करीबी बताए जाते हैं।
शराब घोेटाले में 21 पर गिरफ्तारी की तलवार
ईओडब्ल्यू को शराब घोेटाले में छापेमारी के बाद आबकारी विभाग के 21 अफसरों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मिल गई है । इनमें उपायुक्त अनिमेष नेताम, विजय सेन शर्मा,सहायक आयुक्त अरविंद पाटले, प्रमोद नेताम, रामकृष्ण मिश्रा, विकास गोस्वामी, जिला आबकारी अधिकारी इकबाल खान, नितिन खंडूजा, नवीन सिंह तोमर, मंजू केसर,सौरभ बख्शी,दिनकर वासनिक, अशोक सिंह। मोहित जायसवाल, नीतू नोतानी,रविश तिवारी,जीपी दर्दी, नोहर सिंह ठाकुर, सहायक जिला आबकारी अधिकारी जनार्दन कौरव सहित अन्य के नाम शामिल हैं। राज्य सरकार से अभियोजन स्वीकृति मिलने के बाद उक्त सभी लोगों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। उक्त सभी के खिलाफ आरोप तय कर कोर्ट में चालान पेश किया जाएगा। बता दें कि उक्त सभी लोगों के नाम ईडी और ईओडब्ल्यू एफआईआर में दर्ज है।
कई दौर की पूछताछ
ईओडब्लू जिन आबकारी अधिकारियों के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है उनसे कई दौर की पूछताछ हो चुकी है। उनकी संदिग्ध भूमिका को देखते हुए राज्य सरकार से अभियोजन स्वीकृति मांगी गई थी। हालांकि जिन अफसरों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मिली है, उनके नामों को ईओडब्लू ने फिलहाल खुलासा नहीं किया है।
आबकारी विभाग में चल रहा था सिंडीकेट
शराब घोटाला में दो सिंडीकेट पैरलर चल रहे थे। इसमें आबकारी मंत्री से लेकर उनके करीबी लोग शामिल थे। वहीं दूसरे सिंडीकेट में आबकारी विभाग के अधिकारी और कर्मचारी शामिल थे। अवैध वसूली में सभी लाभांवित होने के कारण घोटाले की जानकारी होने के बाद भी चुप्पी साधकर बैठे हुए थे। ईओडब्ल्यू और ईडी के अधिकारियों का कहना है कि इस घोटाले में रसूखदारों लोगों को जेल भेजा जा चुका है।
घोटाले के आरोपी को उड़नदस्ता की जिम्मेदारी
शराब घोटाले में आरोपी बनाए गए सहायक जिला आबकारी अधिकारी जनार्दन कौरव को जिला उड़नदस्ता टीम की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। जबकि शराब घोटाले के सिंडीकेट में शामिल थे। जांच एजेंसी ने अवैध वसूली में लाभांवित होने पर एफआईआर दर्ज करने के बाद अभियोजन स्वीकृति मांगी गई थी।