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IPS अमन झा बोले- पुलिस में डिजिटल अरेस्ट जैसा कुछ नहीं..

Patrika Raksha Kavach Abhiyan: रायुपर के महाराजा अग्रसेन इंटरनेशनल कॉलेज (मेक) के सहयोग से बुधवार को साइबर सिक्यूरिटी पर इंटरैक्टिव अवेयरनेस सेमिनार आयोजित किया गया…

रायपुरDec 12, 2024 / 05:46 pm

चंदू निर्मलकर

Patrika Raksha Kavach Abhiyan
Patrika Raksha Kavach Abhiyan: साइबर हमलों की बढ़ती घटनाओं पर पत्रिका का युद्ध, साइबर क्राइम के विरुद्ध पूरे देश के कई राज्यों में एक साथ चल रहा है। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायुपर के महाराजा अग्रसेन इंटरनेशनल कॉलेज (मेक) के सहयोग से बुधवार को साइबर सिक्यूरिटी पर इंटरैक्टिव अवेयरनेस सेमिनार आयोजित किया गया। जिसमें आईपीएस अमन झा, सीएसपी ने कॉलेज के यंगस्टर स्टूडेंट्स को डिजिटल आर्मी के रूप में तैयार रहने के टिप्स दिए। इस दौरान उनके सवालों के जवाब भी दिए।

Patrika Raksha Kavach Abhiyan: साइबर हाइजीन होना होगा

आईपीएस अमन झा ने साइबर सिक्यूरिटी को लेकर मुय रूप से तीन बातों पर जोर दिया कि पुलिस में कभी भी डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई प्रक्रिया नहीं होती। जरूरत पड़ने पर गिरतार करने जाती हैं या थाने पर बुलाती है। दूसरा हमें साइबर हाइजीन होना होगा यानी सिक्यूरिटी के प्रिकॉशन, प्रोटोकॉल, डू एंड डोन्ट को फॉलो करना होगा। तीसरा- समाज को जागरूक करने के लिए यंगस्टर को साइबर सिक्यूरिटी ऐजेंट के रूप में काम करना होगा। अमन झा ने विस्तार से कई बातें बताई। जैसे उन्होंने बताया कि वॉट्सऐप कॉल पर अननोन कॉलर को साइलेंस पर रखें।
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पत्रिका रायपुर के स्थानीय संपादक प्रदीप जोशी ने साइबर ठगों के हमलों से बचने के लिए मूलमंत्र दिया कि अपना मोबाइल साफ रखोगे तो किसी की ताकत नहीं कि कोई डिजिटल अरेस्ट कर सके। उन्होंने अपील की- आज ही पर्सनल डेटा को कहीं सुरक्षित सेव करें और आपत्तिजनक सामग्री तुरंत परमानेंट डिलिट करें। साइबर ठग हमारी कमजोरी का ही फायदा उठा पाते हैं। खासकर बेटियां सावधानी रखें।

स्टूडेंट्स ने पूछे सवाल, दूर की आशंकाएं

इंटरेक्शन सेशन में छात्र-छात्राओं ने साइबर सिक्यूरिटी को लेकर कई खूबसूरत सवाल पूछे। छात्रा मेघा सिंह ने पूछा कि पत्रिका में ही पढ़ा था कि एक व्यक्ति ने उनके बैंक संबंधी कोई डिटेल या ओटीपी शेयर नहीं की थी फिर भी उनके बैंक खाते से रुपए पार हो गए? इस पर आईपीएस अमन झा ने बताया कि जाने-अनजाने में उनके फाइनेंशियल डिटेल शेयर हो गई होगी या फिर डेटा ब्रिज यानी किसी सोशल मीडिया, सर्वर या कार्ड पेमेंट आदि के जरिए उनका बैंक डेटा ठगों के हाथ लगा होगा। क्योंकि डेबिट-क्रेडिट कार्ड पेमेंट में सीवीसी नंबर आदि फीलअप करना होता है। इसलिए कोशिश करें कि पेमेंट यूपीआई से हो, वह ज्यादा सेफ है। (पत्रिका पढ़ते रहें तो रक्षा कवच जैसे अभियानों के जरिए ऐसे कई सेफ टिप्स मिलते रहेंगे)

500 स्टूडेंट्स से 50,000 लोग जागरूक हो सकते है: अग्रवाल

चेयरमेन राजेश अग्रवाल ने कहा कि अपराधों से लड़ने के लिए पत्रिका अखबार समाज में जो जनजागरण कर रही है, वो काबिले तारीफ है। पुलिस का सहयोग भी बहुत सराहनीय है। आज यह साइबर सिक्यूरिटी अवेयरनेस 500 बच्चों तक ही नहीं, बल्कि उनके जरिए 50000 लोगों तक फैलेगी।

यह रहे मौजूद

महाराजा अग्रसेन इंटरनेशनल कॉलेज (मेक) के खचाखच भरे ऑडिटोरियम में साइबर सिक्यूरिटी सेमिनार में कॉलेज के चेयरमेन राजेश अग्रवाल, पत्रिका रायपुर के स्थानीय संपादक प्रदीप जोशी, प्रिंसिपल डॉ. एम.एस. मिश्रा, पत्रिका के स्टेट हेड मार्केटिंग विनय बेस ने भी विद्यार्थियों से संवाद किया। पत्रिका टीम से इंवेट के पंकज तिवारी, मार्केटिंग के भावेश शर्मा और और मेक की एडमिनिस्ट्रेटर से शिवांगी मिश्रा की आयोजन को सफल बनाने में महती भूमिका रही।

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