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रायपुर के आमानाका थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि जमीन बेचने के नाम पर कुछ लोगों ने उनसे ठगी की गई है। सरकारी कागज और जमीन की मालकिन को देखकर उन्हें भी सौदे पर भरोसा हो गया। ऐसे में बयाने के रूप में उन्होंने 10 लाख दे दिए। जमीन बिक्री की ईश्तहार छपा, तो जमीन का असल मालिक ने आपत्ति की। इसके बाद उन्हें अपने साथ हुई ठगी का अहसास हुआ। उन्होंने रिपोर्ट दर्ज कराई। रायपुर एसएसपी संतोष सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के लिए आमानाका थाने को टीम बनाने के निर्देश दिए।
इसी सिलसिले में मंगलवार रात
पुलिस ने नवापारा में सदर बाजार के हर्षिता प्रिंटर्स में छापा मारा। करीब 2 घंटे चली छानबीन के बाद साफ हो गया कि जमीन के फर्जी कागजाज यहीं से बनाए गए। इसके बाद पुलिस प्रिंटर्स के संचालक राकेश कंसारी को पूछताछ के लिए अपने साथ थाने ले गई। पूछताछ में पता चला कि इस काम में पूरा रैकेट लगा था। गरियाबंद के पाथरमोहंदा में रहने वाले हरिशंकर सिन्हा (36) इनमें अहम था।
इस तरह किया फर्जीवाड़ा
हरिशंकर सिन्हा और अमन वर्मा उर्फ युगल किशोर देवांगन ने जमीन से जुड़े नकली दस्तावेज तैयार करवाए। इसके लिए गरियाबंद की चेतना ठाकुर को मंजू देवी बनाकर पेश किया गया। दस्तावेज, आधार, पैन आदि में चेतना को ही मंजू बताया। स्टांप व अन्य दस्तावेज नवापारा के अमित ने प्रिटिंग प्रेस के राकेश से छपवाए। फिर हरिशंकर के दोस्त रूपेश धनकर उर्फ राजा सिंह और प्रकाश यादव उस जमीन को बेचने ग्राहक ढूंढा। ये हैं वो 9 जालसाज
- चेतना ठाकुर (50), मरोदा, गरियाबंद
- नरेंद्र राजपूत (36), तेलीबांधा, रायपुर
- अरुण कुमार सरोज (39), रायपुर
- हरिशंकर सिन्हा (36), पाथरमोहंदा, गरियाबंद
- रूपेश धनकर उर्फ राजा (36), राजा तालाब, रायपुर
- प्रकाश यादव (30), राजातालाब, रायपुर
- राकेश कंसारी (44), गोबरा-नवापारा, राजिम
- युगल किशोर देवांगन (34), बेलटुकरी, राजिम
- अमित कुमार (45 साल), गोबरा नवापारा, राजिम