यह भी पढ़ें:
CG News: तहसीलदार से काम करवाकर देख लो, फिर मन हो तो पैसे दे देना… पटवारी ने किसान से मांगी 5 हजार की रिश्वत, जानें मामला इसमें किसान कह रहा है कि उसने रिश्वत नहीं दी। उधार का पैसा लौटाया है। गांववालों तक जब ये बात पहुंची, तो दोपहर में सब एकजुट होकर
किसान के पास पहुंचे। उससे पूछा क्या बात है? झूठा बयान देने के लिए क्या पटवारी की ओर से कोई दबाव बनाया गया? तब असल कहानी सामने आई कि ये सब पटवारी पति के इशारों पर किया गया था। यह जानकर लोगों का गुस्सा और भड़क उठा। बता दें कि पत्रिका में बुधवार को खबर छपते ही कांड छिपाने की साजिश शुरू हो गई थी।
किसान ने गांववालों को बताया कि पटवारी के पति की ओर से उसे फोन आ रहा था कि एक बार मिलने आ जाओ। बाल-बच्चों का हवाला देते हुए उसका कहना था कि हमें बचाओ। उसने अपने परिचित से वीडियो बनवाया। आगे हकीकत बताते हुए वह कहता है कि वास्तव में वह किसान पंजीयन के लिए पैसे मांग रहा था। मैंने कहा कि 12-1500 रुपए लेकर काम कर दो। फिर भी उसने पूरे 2000 रुपए लिए। इसी वजह से मुझे कहना पड़ा कि हम पार्टी (भाजपा) के लोग हैं। हमारी तो इज्जत कर लिया करो।
कारिंदों को ईमानदारी से काम करने की कितनी ट्रेनिंग मिलती है, इसका पता नहीं। भ्रष्टाचार करने और सीना ठोंककर इसे ढांकने की अघोषित ट्रेनिंग जरूर मिल जाती है। उदाहरण ढेरों पर हैं पर पर्टिकुलर इसी केस की बात करें तो गलती पकड़े जाने के बाद पटवारी पति ने कैसे किसान से झूठा वीडियो जारी करवाया, यही देख लीजिए। किसी आम इंसान के कहने पर कोई पीड़ित अपना बयान कभी नहीं बदलेगा। बात जहां पद-प्रभाव की बात आती है, तो कमजोर व्यक्ति को न चाहते हुए भी पीछे हटना पड़ता है। इस डर से कि आगे उन्हें इसका खामियाजा न भुगतना पड़े।
पटवारी बोला – राजनीति के तहत फंसाया जा रहा मामले में पटवारी रितेश झंवर का भी एक बयान सामने आया। इसके मुताबिक, यह वीडियो उन्हें फंसाने की राजनीतिक साजिश है। उन्होंने किसी व्यक्ति से कोई रिश्वत नहीं ली। वीडियो में पैसों का जो लेन-देन हुआ, उसके बारे में भी उन्हें कोई जानकारी नहीं है। यह पैसा उनके पति ने लिया था, जिन्होंने उन्हें बताया कि सामने वाले व्यक्ति ने पहले रकम ली थी। वही लौटा रहा था। पैसे देने वह नरधा में पटवारी कार्यालय आया।
कसडोल एसडीएम आरआर दुबे ने कहा भ्रष्टाचार की शिकायत और वीडियो सामने आने के बाद पटवारी को रितेश झंवर को सस्पेंड कर दिया है। मामले में तहसीलदार युवराज कुर्रे को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। जांच में सामने आए तथ्यों से उच्चाधिकारियों को अवगत कराते हुए आगे की कार्रवाई करेंगे।