जिला फोरम अध्यक्ष डाकेश्वर प्रसाद शर्मा ने 8 साल पुराने प्रकरण की सुनवाई करते हुए क्लेम की राशि 43000 रुपए 6 फीसदी ब्याज दर के साथ लौटाने और मानसिक कष्ट एवं वाद व्यय के रूप में 10 हजार रुपए लौटाने का आदेश दिया। साथ ही सेवा में निम्नता बरतने और घटना के बाद सूचना देने के बाद क्लेम का फार्म देने के बाद उसे रिजेक्ट करने पर सवाल उठाया। अपने फैसले में कहा कि डॉक्टर की सलाह पर बेहतर उपचार के लिए
भिलाई स्थित अस्पताल में पीड़ित भर्ती हुए थे। इस पर सवाल उठाना अनुचित व्यापार की श्रेणी में आता है।
यह है मामला
टाटीबंध रायपुर निवासी श्रीनिवास रेड्डी सत्ती (41) ने रायपुर के पंडरी स्थित बीमा कंपनी से 8 अगस्त 2015 से 7 अगस्त 2016 तक की मेडिक्लेम पॉलिसी ली। इसके एवज में 8328 रुपए के प्रिमियम का भुगतान किया। 19 जुलाई 2015 को को मोटरसाइकिल से गिरने पर दांत में गंभीर चोट आई थी। असहनीय पीड़ा और सूजन आने पर डॉक्टर से जांच कराने के बाद अस्पताल में दाखिल हुए।
जहां 1 से 22 अगस्त 2015 तक उपचार के बाद डिस्चार्ज किया गया। इस दौरान 43000 रुपए उपचार में खर्च होने पर दस्तावेजी साक्ष्य के सहित 42150 रुपए का बीमा कंपनी क्लेम किया था। फोरम ने प्रकरण की सुनवाई करते हुए 31 अक्टूबर 2015 से भुगतान करने तक 42150 रुपए, वाद व्यय का 5000 और मानसिक कष्ट के लिए 5000 रुपए 45 दिन के भीतर भुगतान करने का फैसला सुनाया।