scriptSunday Guest Editor: जो लोग पहले हंसते थे, वे ही आज हौसला बढ़ाने में जुटे हैं.. | Sunday Guest Editor: Those who used to laugh earlier | Patrika News
रायपुर

Sunday Guest Editor: जो लोग पहले हंसते थे, वे ही आज हौसला बढ़ाने में जुटे हैं..

Sunday Guest Editor: रायपुर में अपनी पसंद के काम को करने से विशेष खुशी मिलती है और जब आप उसे अपना प्रोफेशन बना लेते हैं तो सफलता मिलना तय है।

रायपुरMar 09, 2025 / 12:22 pm

Shradha Jaiswal

Sunday Guest Editor: जो लोग पहले हंसते थे, वे ही आज हौसला बढ़ाने में जुटे हैं..
Sunday Guest Editor: सरिता दुबे. छत्तीसगढ़ के रायपुर में अपनी पसंद के काम को करने से विशेष खुशी मिलती है और जब आप उसे अपना प्रोफेशन बना लेते हैं तो सफलता मिलना तय है। कुछ ऐसी ही कहानी है रायपुर की 45 साल की रेणुका कुलकर्णी की, जिन्होंने 12 साल पहले 2 बच्चों से अपने डे केयर सेंटर की शुरुआत की। उस समय रायपुर में डे केयर का चलन बहुत कम था।

Sunday Guest Editor: महिलाओं को दे रहीं रोजगार

उन हालात में रेणुका ने अपना डे केयर सेंटर शुरू किया और एक साल तक 2 बच्चों के साथ ही डे केयर चलता रहा, रेणुका ने हिम्मत नहीं हारी और आज रायपुर के साथ बिलासपुर में भी उन्होंने अपना डे केयर सेंटर शुरू कर लिया है। रायपुर में जल्द ही दूसरा सेंटर खुलने वाला है। उनके डे केयर में 3 माह से लेकर 7 साल तक के बच्चे आते हैं। रेणुका चाइल्ड सायकोलॉजी में एमए है। वह चाइल्ड सॉयकोलॉजी पर भी काम करती हैं। वह कहती हैं कि जब मैंने काम शुरू किया तो लगा कि मैनेज कैसे होगा, लेकिन समय के साथ सारी चीजें सरल होती गई।
कुछ साल पहले रेणुका खुद नौकरी करती थीं और आज वह दूसरी महिलाओं को भी रोजगार दे रही हैं। बचपन से ही बच्चों से लगाव था और जिम्मेदारी से काम करना रेणुका की पहचान भी है। शादी के बाद स्कूल में काम करना शुरू किया जहां पर डे केयर भी चलाया जाता था, जिसे रेणुका ही देखती थी। लेकिन पैसा उतना नहीं मिल पाता था। घर की आर्थिक स्थिति भी कमजोर थी। उसी समय रेणुका ने अपने घर में ही डे केयर की शुरुआत की।

सोच यह: किसी काम की शुरुआत थोड़ी मुश्किल होती है फिर सब सामान्य हो जाता।

माउथ पब्लिसिटी ने दिलाई पहचान: रेणुका बताती हैं कि जब मैंने अपना काम शुरू किया तो लोगों को पता ही नहीं था कि यहां डे केयर चलता है, लेकिन मेरी मेहनत को देखकर लोगों ने मेरे काम को समझा और उनके द्वारा ही मेरा काम आगे बढ़ा। अभी मेरे डे केयर में 20 बच्चे आते हैं। बच्चे मुझे आई कहते हैं।
सुझाव भेजें sunday@in.patrika.com

Hindi News / Raipur / Sunday Guest Editor: जो लोग पहले हंसते थे, वे ही आज हौसला बढ़ाने में जुटे हैं..

ट्रेंडिंग वीडियो