सावन मास हिंदू पंचांग का पांचवां महीना
पंडितों के अनुसार सावन मास हिंदू पंचांग का पांचवां महीना होता है। यह महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। सावन के महीने के सोमवार का महत्व और भी अधिक होता है। ऐसी मान्यता है कि इस माह में शिव की पूजा- अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। सोमवार व्रत रखने से भोलेनाथ की विशेष कृपा प्राप्त होती है। भगवान शंकर की पूजा से विवाह आदि में आ रही अड़चनें दूर होने की मान्यता है। खारुन नदी के तट पर प्राचीन हटकेश्वरनाथ मंदिर में तांता लगने लगा है।भगवान शिव की पूजा सामग्री
सामार्थ्य अनुसार चंदन, पुष्प, पंच फल, पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी के बिल्वपत्र, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग,तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री वस्त्र आदि। शास्त्रों के अनुसार, सोमवार का व्रत बीच में नहीं छोड़ना चाहिए। व्रत नहीं कर पाने की स्थिति में भगवान शिव से क्षमा याचना कर बंद कर सकते हैं।इस बार चार सावन सोमवार पर भरेगा मेला
महामाया मन्दिर के पं. मनोज शुक्ला ने बताया कि सावन ही नहीं बल्कि आम दिनों में भी शिवलिंग की विधि से पूजा करनी चाहिए। गंगाजल को तांबे के लोटे में भरकर सबसे पहले आप जल को जलहरी मे चढ़ाएं ये माँ पार्वती का स्थान है फिर जलहरी की दाईं ओर चढ़ाएं इसे भगवान गणेश का स्थान माना जाता है, इसके बाद बाईं ओर जल चढ़ाएं, यहां कार्तिकेय का वास माना जाता है। इसके बाद आप आप शिवलिंग के बीच में जल चढ़ा सकते हैं। इस बार सावन महीने में चार सोमवार पड़ रहा है। पहला 14 जुलाई को, दूसरा 21 जुलाई, तीसरा 28 जुलाई, चौथा सोमवार 4 अगस्त को है।प्रमुख पर्व भी आएंगे, जिससे धार्मिक उल्लास और उत्सवों की धूम बनी रहेगी
आने वाले प्रमुख पर्व13 जुलाई – कजली तीज
15 जुलाई – मौनी पंचमी
18 जुलाई – कामदा एकादशी
22 जुलाई – प्रदोष व्रत
25 जुलाई – हरियाली अमावस्या
27 जुलाई – मधुश्रावणी तीज
9 अगस्त – रक्षाबंधन