सरकारी जमीन पर अतिक्रमण
दरअसल ब्लैक स्पॉट बन चुके उक्त बायपास पर करीब 28.5 करोड़ की लागत से अंडरपास निर्माण को अक्टूबर में केंद्रीय मंत्रालय से मंजूरी मिली। इसके बाद एनएचआई ने टेंडर प्रक्रिया सहित ड्राइंग आदि भी तैयार कर ली। लेकिन अब सरकारी जमीन पर हो रहा अतिक्रमण बाधा बन रहा है। हालांकि प्रशासन और एनएचआई ने मिलकर निजी कब्जे हटा दिए है, लेकिन शासकीय भूमि पर अब भी अतिक्रमण हो रहा है। एनएचआई को पूरी जमीन नहीं मिलने से ड्राइंग भी फाइनल नहीं हो पा रही है। ऐसे टेंडर करीब सात माह बाद भी अंडरपास निर्माण का कार्य शुरू ही नहीं हो पा रहा है।
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उक्त बायपास क्षेत्र में हाईवे के साथ ही क्रॉसिंग पर नगर और कुछ दूरी पर बोड़ा तरफ से आने वाला ट्रैफिक मिलता है। ऐसे में कई बार यहां दुघर्टनाएं हो चुकी है। जिसमें कई लोग जान गंवा चुके है। जिसको लेकर लंबे समय से यहां अंडरपास निर्माण की मांग भी उठ रही थी। इसको लेकर कई बार स्थानीय लोगों ने आंदोलन तक किए। साथ ही क्षेत्रीय विधायक मोहन शर्मा बायपास को लेकर दो बार केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से भी मिले। अक्टूबर में केंद्रीय मंत्री से मिलकर उक्त बायपास स्वीकृत कराया।
सरकारी जमीन से कब्जे हटना बाकी
एनएचएआई के अधिकारियों के अनुसार, निजी ज़मीन पर हुए अतिक्रमण को संबंधितों ने हटा लिया है और स्थानीय प्रशासन ने भी कुछ निजी कब्जे हटवा दिए हैं। लेकिन शासकीय भूमि पर हो रहे स्थाई निर्माण जिनमें आईटीआई भवन, दुकानें और कुछ अन्य निर्माण अभी तक नहीं हट पाए है। साथ ही हाईवे पर ही स्थित शराब दुकान भी हटना है। लेकिन छह माह बाद भी कब्जें नहीं हट पाए है। इन्हें हटाया जाएगा।
30 मीटर लंबा 5.5 मीटर चौड़ा होगा अंडरपास
सागपुर बायपास पर करीब 28.5 करोड़ की लागत से बनने वाले उक्त अंडरपास की लंबाई 30 मीटर रहेगी। वहीं इसकी चौड़ाई 5.5 मीटर रहेगी। ऊपर से हाईवे का ट्रैफिक गुजरेगा और अंडरपास से लोकल और बोड़ा तरफ से आने वाला ट्रैफिक गुजरेगा। हाईवे के दोनों तरफ करीब 800 मीटर लंबी सर्विस रोड भी बनाई जाएगी। जिसकी चौड़ाई करीब 7 मीटर होगी। जब तक हमें पूरी ज़मीन नहीं मिलती, निर्माण कार्य शुरू नहीं कराया जा सकता। सरकारी जमीन पर हो रहे निर्माण हटना बाकि है। साथ ही एक शराब दुकान भी आ रही है। जैसे ही जमीन मिलेगी, काम शुरू कराएंगे।- देवांश नुअल, रीजनल मैनेजर, एनएचआई, भोपाल
उक्त प्रोजेक्ट मेरी प्राथमिकता में है। काम शुरू कराने लगातार प्रयासरत है। स्थानीय प्रशासन के साथ ही एनएचआई के अधिकारियों से दो दिन पहले ही मीटिंग कर निराकरण कराने बातचीत की है।- मोहन शर्मा, विधायक, नरसिंहगढ़