मिलेगी डिग्री विथ ऑनर्स या डिग्री विथ या रिसर्च
अभी तक यदि कोई छात्र ग्रेजुएशन के दौरान पहले या दूसरे साल में पढ़ाई छोड़ता था तो दोनों साल की डिग्री किसी काम की नहीं रहती थी। अब प्रथम वर्ष में यदि पढ़ाई की जाती है तो उसे सर्टिफिकेट मिलेगा, दूसरे साल में डिप्लोमा और तीसरे साल में डिग्री। इसके बाद चार साल की पढ़ाई यदि वह पूरी करता है तो डिग्री विथ ऑनर्स या डिग्री विथ या रिसर्च मिलेगी। जिसके बाद छात्र सीधे पीएचडी और नेट में प्रवेश के लिए भागीदार होंगे।
चार साल की यूजी के बाद एक ही साल में होगी पीजी
यदि विद्यार्थी चार साल के इस यूजी पाठ्यक्रम में प्रवेश लेते हैं तो इसके बाद पीजी कोर्स के लिए उन्हें एक ही साल की पढ़ाई करना होगी। यानी चार साल तक बीए करने के बाद एक ही साल में एमए हो जाएगा, इसी तरह चार साल की बीएससी करने पर एक ही साल में एमएससी हो जाएगी। वहीं, यदि छात्र चाहे तो सीधे पीएचडी और नेट के लिए परीक्षा दे सकेंगे। वर्तमान में मौजूद पाठ्यक्रम में तीनों सील तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद ही ग्रेजुएशन की डिग्री पूरी मानी जाती थी। ये भी पढ़ें: मेट्रो की ‘ओरेंज लाइन’ के लिए 200 से ज्यादा घरों-दुकानों में चलेगा बुलडोजर ! पहले साल में 16 छात्रों ने लिया प्रवेश, दे रहे परीक्षा
चार वर्षीय ग्रेजुएशन पाठ्यक्रम के लिए पिछले साल अगस्त में 16 छात्रों ने प्रवेश लिया था। अब तीन साल के पाठ्यक्रम में तीसरे साल की परीक्षा देने के बाद योग्य अभ्यर्थी आवेदन कर सकेंगे। वर्तमान में 16 विद्यार्थियों में से 4 बीए और 12 बीएससी के हैं। जिनकी परीक्षा दी जा रही है।
कुल मिलाकर जो विद्यार्थी तीन साल के पाठ्यक्रम में अध्ययनरत हैं वे सीधे इसमें आवेदन कर चार वर्षीय कोर्स कर सकते हैं। जिसका लाभ उन्हें सीधे तौर पर मिलेगा।
चार साल का ग्रेजुएशन पाठ्यक्रम
डॉ. सुभाष कुमार दांगी, केंद्र अधीक्षक, शासकीय महाविद्यालय, राजगढ़ का कहना है कि अभी तक दो या एक साल तक ही पढ़ाई करने पर बिना फाइनल इयर की परीक्षा दिए डिग्री मायने नहीं रखती थी। लेकिन चार वर्षीय ग्रेजुएशन में हर साल की परीक्षा पास करने में सुविधा है। साथ ही चार साल की ग्रेजुएशन के बाद विद्यार्थी पीएचडी और नेट के लिए योग्य हो जाता है। इससे छात्रों को काफी फायदा है। पिछली बार 16 ही बच्चों ने प्रवेश लिया था, जिनकी परीक्षा चल रही है।