कार्रवाई के दौरान स्थानीय ग्रामीणों ने विरोध भी जताया है लेकिन पुलिस बल और पूरी तैयारी के साथ गए राजस्व और वन अमले ने ग्रामीणों को समझाइश देकर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की। कार्रवाई के दौरान सुठालिया, ब्यावरा सिटी, देहात, पचोर, करनवास, सारंगपुर, माचलपुर और जीरापुर थाना क्षेत्रों की पुलिस बल मौके पर मौजूद रही। इसके अलावा 50 वनरक्षक, 50 सुरक्षा बनकर्मी, 8 पटवारी, 2 आरआई, 50 कोटवार और चौकीदार, तहसील और वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी भी मौके पर डटे रहे।
10 दिन पहले दिया था नोटिस
इस कार्रवाई के पहले ही 40 से अधिक अतिक्रमणकारियों को नोटिस देकर जमीन खाली करने के लिए कहा गया था, लेकिन ज्यादातर लोगों ने जमीन नहीं छोड़ी। जब बुधवार सुबह वन विभाग, प्रशासन और पुलिस के संयुक्त अमले ने जब गांव में दस्तक दी तो ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। कई ग्रामीणों ने विरोध करते हुए धरना देने की कोशिश की, लेकिन पुलिस और प्रशासन की सख्ती और समझाइश के चलते स्थिति नियंत्रण में रही। दरअसल, कब्जा मुक्त कराते वक्त जेसीबी की मदद से हर तीन मीटर की दूरी पर गड्ढे खोदे जा रहे हैं। यहां पर आने वाले समय में वन विभाग पौधारोपण करेगा। इससे वन क्षेत्र को पुनर्जीवित करने और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने का लक्ष्य है। वहीं, जमीन की सीमा रेखा को चिन्हित करते हुए एक मीटर गहरी खुदाई भी की गई है। जिससे भविष्य में फिर से कब्जा न हो सके।
राजगढ़ डीएफओ वैनीप्रसाद दोतानिया ने जानकारी देते हुए बताया वन भूमि पर वर्षों से अवैध कब्जा कर खेती की जा रही थी। करीब 700 बीघा जमीन से कब्जे हटाए है। अब भूमि को खाली कराकर इसमें पौधरोपण किया जाएगा।